श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, कथा प्रदीप महाराज वृंदावन धाम के मुखारविंद से
ग्राम पहाड़गांव में गौण बाबा मंदिर पर चल रही श्रीमद भागवत कथा मे कथा व्यास प्रदीप महाराज वृंदावन धाम ने बताया कि द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी जी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था।
अष्टमी तिथि को रात्रिकाल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना बताया जाता है।
वही महाराज ने आगे कहा कि व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है।
अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है।
पहाड़गांव के श्रीधरनगर मे स्थित गौण बाबा मन्दिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के पंचम दिवस पर आचार्य पंडित प्रदीप शास्त्री वृंदावन धाम ने यह बात कही। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
कथा व्यास आचार्य प्रदीप शास्त्री वृंदावन धाम ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी,तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा।
श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे।