नगर निगम झांसी के मूल मकसद को लक्ष्य तक पहुंचाना ही उद्देश्य कहा नगर आयुक्त श्री सत्य प्रकाश ने।
अब शासन के अनुरूप नगर निगम झांसी ने झांसी रोडवेज बस स्टैंड के लोगों को ऐसे शुलभ शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है जो आम तौर पर संपन्न घरों में उपलब्ध होता है।
सुलभ शौचालय पर कार्यरत कर्मचारियों ने बताया रोजवेज बस अड्डा में बने सरकारी शौचालय को बस से तोड़ दिए जाने की घटना की पुनरावृति फिर से न हो और इससे समस्या हल होने की जगह और गहराती जायेगी हालांकि, पत्रकारों को जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगर कोई कार्य में बाधा डालता है व जरूरत पड़ी तो वह पर्याप्त पुलिस बल नगर निगम को उपलब्ध कराएंगे, बशर्ते विभाग इसकी डिमांड करे।
■दूसरी ओर नगर आयुक्त सत्यप्रकाश के निर्देशानुसार काशीराम पार्क की खराब लाइटों का निरीक्षण और अभियंता द्वारा जांच कराई गई।
■अन्य दूसरी ओर अपर नगर आयुक्त श्रीमती रोली गुप्ता द्वारा शेल्टर होम में यात्री गणों की सुविधाओं का जायजा लिया गया।
नगर निगम द्वारा स्थलीय निरीक्षण के दौरान रुदाक्ष नगर निगम झाॅसी के मुख्य अभियंता व सहायक अभियंता द्वारा तालपुरा में नवीन सब्जी मंडी गेट के सामने राजकीय पशु अस्पताल की बाउंड्री वाल का कार्य का निरीक्षण में काम मानक के अनुसार नहीं पाया गया तो ठेकेदार को ईट व कलम को हटवा कर तत्काल मानक के अनुरूप लगवाने का निर्देश दिया गया तथा इस कृत हेतु 10000 का अर्थ दंड रोपित किया गया।
सर्दियों को देखते हुए नगर निगम झांसी द्वारा सीमा अंतर्गत स्थलों पर 490 बेड की क्षमता का निशुल्क शेल्टर होम संचालित किया गया है सेंटर होम में रहने वाले व्यक्तियों को विस्तार कंबल तकिया पेयजल और शौचालय आदि की व्यवस्था की गई है साथ ही नगर निगम द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है कोई भी व्यक्ति खुले में ना सोए निशुल्क सेंटर होम का प्रयोग करें।
अगले क्रम मे सर्राफा बाजार में
नालियों में गंदगी मिलने पर सफाई निरीक्षक को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए।
पंचकुइया से कोतवाली मार्ग पर स्मार्ट सिटी से निर्माणाधीन विद्यालय के सामने नगर आयुक्त को झाड़ियां और गंदगी मिली। इसको साफ कराने के निर्देश दिए।कोतवाली की ढाल से सर्राफा बाजार के निरीक्षण के दौरान चाय दुकानदार को डस्टबिन रखने के निर्देश दिए। ऐसा न करने पर चालान करने की चेतावनी दी गई।
यदि सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में झांसी जिले में हो रहे शौचालयों के निर्माण को देश में मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। यहां बने शौचालयों की गुणवत्ता, निगरानी समितियों की सक्रियता और प्रयोग की स्थिति और भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के आश्वासन के बाद अफसरों में उत्साह बना है।
■ नगर निगम झांसी के मूल मकसद को लक्ष्य तक पहुंचाना ही उद्देश्य कहा नगर आयुक्त श्री सत्य प्रकाश ने।
कहने को नगर निगम अस्तित्व में तो आ गया लेकिन अभी तक वह अपने वास्तविक उद्देश्य सफल नहीं हो पाया है। शायद यही कारण रहा कि शहर ढांचागत विकास का अभाव झेल रहा है। शहरवासी सुविधाओं के अभाव में जीने को विवश हैं। जब से नगर निगम में आयुक्त के पद पर सत्य प्रकाश जी की ताजपोशी हुई है उनकी सोच है कि नगर निगम का जो मूल मकसद होता है, उसे लक्ष्य तक पहुंचाना उनका उद्देश्य है। लंबित योजनाओं को पूरा करना एवं तमाम समस्याओं को दूर करने के साथ ही निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
निगम से जुड़े तमाम मुद्दों पर फोकस न्यूज 24×7 संवाददाता ने निगम आयुक्त श्री सत्य प्रकाश से बातचीत की।
■निगमायुक्त का पदभार संभालने के बाद क्या प्राथमिकताएं तय की हैं?
शहर को साफ-सुथरा और गंदगीमुक्त बनाना पहली प्राथमिकता है। लंबित पड़े विकास कार्यों को समय पर शहरवासियों को सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। व्यक्तिगत रूप से खुद इन कार्यों की समीक्षा कर रहा हूं।
वहीं अधिकारियों से विकास कार्यों से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है।
उनकी पहली प्राथमिकता यही है कि शहर साफ नजर आए। इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। सुनयोजित तरीके से काम किया जा रहा है। आने वाले कुछ ही समय मे बदलाव देखने को मिलेगा।
भारी भरकम खर्च के बावजूद सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं, कैसे सुधार करेंगे?
सफाई की स्थिति थोड़ी चिंताजनक है। इसमें सुधार के लिए काम शुरू कर दिया गया।
निगम क्षेत्र में कई कचरा प्वाइंट बनाए गए हैं।खुद व्यक्तिगत तौर पर भी निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। जहां कही गंदगी दिखती हैं, तुरंत हटवाई जाती है।
■निगम गठन हुए ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन योजनाएं फाइलों में ही कैद है, कैसे पूरी करेंगे?
नगर निगम का जो मूल मकसद है, उसे ध्यान में रखते हुए नए सिरे से नियोजन कर विकास की शुरुआत करेंगे। जो कार्य लंबित हैं, उसे फाइलों से निकालकर सिरे चढ़ाएंगे।
लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर स्थायी रूप से हल करेंगे।
कामों की समीक्षा शुरू कर दी गई है। संबंधित अधिकारियों को लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
चल रहे अधिकतर कार्य अगले साल के प्रारंभ तक पूरे हो जाएंगे।
निगम पर अक्सर ग्रामीणों की ओर से भेदभाव व अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं, गांवों के लिए क्या किया जा रहा है?
गांवों में पंचायत से बेहतर कार्य नगर निगम की तरफ से किया जा रहा है। ग्रामीणों की जो शिकायतें थी उन्हें दूर किया जा रहा है। करोड़ों की लागत से पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। वहीं निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए थ्री पोंड सिस्टम बनाए जा रहे हैं, जिससे गांवों में निकासी की समस्या नहीं रहेगी। स्ट्रीट लाइट की सुविधा मुहैया कराई गई है।
■गड़बड़ियों को लेकर निगम पिछले दिनों अक्सर सुर्खियों में रहा, इससे कैसे निपटेंगे?
सभी कामों में पारदर्शिता बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। निगम में सभी कार्य एचएसआर रेट पर कराए जा रहे हैं।
विकास कार्यों की वास्तविक लागत का आकलन कर ही एस्टीमेट बनवाए जा रहे हैं। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं किसी भी कार्य का एस्टीमेट साइट विजिट के बाद ही बनाया जाए। इससे भी गड़बड़ी की आशंका सीमित होती है। थर्ड पार्ट से भी कार्यों की निगरानी कराई जा रही है।■अनधिकृत निर्माण एवं विज्ञापन पर कैसे शिकंजा कसेंगे?
रही बात अभियान चला कर अवैध विज्ञापन बोर्ड उतरवाए जा रहे हैं। विज्ञापन नीति तैयार कर ली गई है।
स्ट्रे कैटल फ्री की क्या स्थिति है, दावों के बावजूद शहर में पशु घूम रहे हैं ?
निगम क्षेत्र लगभग स्ट्रे कैटल फ्री हो चुका है।
नगर निगम की ओर से नंदीशाला में सैकड़ो पशु भेजे जा चुके है।
शहर में जहां कही पशु घूम रहे है। उन्हें ढूंढ कर नंदीशाला में पहुंचाया जा रहा है। यह रुटीन प्रक्रिया है, शहर से बाहर घूम रहे पशु भी शहर की तरफ आ जाते है। प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।