BJP ने 6986 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड कराए कैश, जानिए कांग्रेस, डीएमके, बीआरएस को कितना मिला चंदा?
समाजवादी पार्टी ने चुनावी बॉन्ड के जरिए 14.05 करोड़ रुपये प्राप्त किए. आंकड़ों में कहा गया कि अकाली दल ने 7.26 करोड़ रुपये, अन्नाद्रमुक ने 6.05 करोड़ रुपये, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 लाख रुपये के बॉन्ड भुनाए।
भाजपा (BJP) को 2018 में चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) योजना लागू होने के बाद इसके माध्यम से सबसे अधिक 6,986.5 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई।
इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को 1,397 करोड़ रुपये, कांग्रेस (Congress) को 1,334 करोड़ रुपये और बीआरएस (BRS) को 1,322 करोड़ रुपये मिले।
चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा दान पाने वालों की पार्टियों में TMC दूसरे, कांग्रेस तीसरे और बीआरएस चौथे नंबर की पार्टी है.
DMK को इन्होंने भी दिया दान
‘लॉटरी किंग’ सेंटियागो मार्टिन का फ्यूचर गेमिंग 1,368 करोड़ रुपयों के साथ चुनावी बॉन्ड का सबसे बड़ा खरीदार था।
उसने चुनावी बॉन्ड खरीद कर सबसे ज्यादा लगभग 37 प्रतिशत द्रमुक (DMK) को दान दिया. ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ ने द्रमुक को 509 करोड़ रुपयों का दान दिया।
द्रमुक के अन्य प्रमुख दानदाताओं में मेघा इंजीनियरिंग ने 105 करोड़ रुपये, इंडिया सीमेंट्स ने 14 करोड़ रुपये और सन टीवी ने 100 करोड़ रुपये दान दिए. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से रविवार को यह जानकारी सामने आई.
तृणमूल कांग्रेस को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 1,397 करोड़ रुपये मिले और वह भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता है. द्रमुक दानदाताओं की पहचान का खुलासा करने वाले कुछ राजनीतिक दलों में से एक है, जबकि भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल और आप (AAP) जैसे प्रमुख दलों ने निर्वाचन आयोग को इन विवरणों का खुलासा नहीं किया था।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी अब सार्वजनिक कर दी है.
आयोग ने कहा, ‘राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा किया गया था. 15 मार्च, 2024 के शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल करते हुए न्यायालय की रजिस्ट्री ने सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियां वापस कर दीं।
आयोग ने आज चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.