न एनपीएस चाहिए,न यूपीएस चाहिए, केवल ओपीएस लेकर रहेंगे -आर पी सिंह, महामंत्री एनसीआरईएस

आज नार्थ सेन्ट्रल रेलवे इम्प्लॉइज संघ के महामंत्री एवं एनएफआईआर के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आर पी सिंह ने वैगन मरम्मत कारखाना झांसी में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि एनएफआईआर के द्वारा एनपीएस लागू होने के दिन से ही विरोध किया जा रहा है और इसे तमाम परिवर्तन के बाद यूपीएस के रूप में देकर 24 अगस्त को भारत सरकार ने कर्मचारियों के साथ छल किया है जिससे कर्मचारी ठगा हुआ महसूस कर रहा है, एनसीआरईएस आपको विश्वास दिलाता है कि कर्मचारियों की कटौती की दस प्रतिशत की राशि के साथ साथ सरकार द्वारा मिलाई जाने वाली साढ़े अठारह प्रतिशत राशि को कर्मचारियों के हक में दिलाने तक जमीनी संघर्ष जारी रहेगा।

वहीं दूसरी यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री द्वारा यह कहकर आंदोलन करने से इंकार किया जा रहा है कि कर्मचारी अब खुश हैं जो लोग आंदोलन करेंगे वो राजनीति से प्रेरित होगा ऐसी विचारधारा वाले संगठन की अब रेलकर्मियों को भी आवश्यकता नहीं है। रेलकर्मियों ने दिनांक 25-08-2024 को मीडिया में दिए गए उनके बयान से हकीकत को समझ लिया है और 4,5,6 दिसम्बर को होने वाले मान्यता के चुनाव में ऐसे संगठन को सबक सिखाने का प्रण ले लिया है।
साथ ही आने वाले समय में न्यूनतम वेतन को 01-07-2021 से 32,000/- कराने के लिए भी आंदोलन करने का संकल्प दोहराया ।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष रामकुमार सिंह, मंडल सचिव भानु प्रताप सिंह चंदेल, विवेक चढ्ढा, टी पी सिंह,उमर खान, महेंद्र सेन, अशोक त्रिपाठी, जिन्सी मैथ्यू, आरती तमोरी , के एस शुक्ला, इंद्र विजय सिंह, गौरव श्रीवास्तव, राघवेन्द्र तिवारी, मनोज बघेल, एस के सिंह, सुनील राय, सुभाष चन्द्र बोस, गजेन्द्र साहू, अनिल कुमार शर्मा (बंटू), अश्वनी गोस्वामी, सुरेश कुमार मीणा, कामता प्रसाद साहू, अब्दुल करीम चिश्ती एवं अन्य शाखाओं के सैकड़ों पदाधिकारी , सक्रिय सदस्य तथा महिला कर्मचारी शामिल रहे।
सभा का संचालन संजीव नायक ने किया।

Share.

Vinay is a Great writer undoubtedly struggled to solve the problems, too, but managed to push through and establish amazing literary careers—as will you. Author vinay is cultivate a sense of relationship with prospective readers Thus, editing is done to achieve a balance of news between that originating within the organization and that pouring in from outside. Sorting out and sifting also helps induce parity between the well-written articles and those written by the inexperienced reporters