श्रीमद्भागवत कथा से पहले निकाली गई भव्य कलश यात्रा, दिखा उत्साह
■पीले वस्त्र पहन व सिर पर कलश धारण कर बड़ी संख्या में महिला व कन्याओं ने लिया भाग
■मुख्य यजमान रहे आशा सीरौठिया- प्रदीप सीरौठिया
आशा – प्रदीप सीरौठिया के विशेष अनुरोध पर कथा व्यास पूज्य श्री रमाकान्त व्यास रावतपुरा के मुखारविंद से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया।
यजमान रहे आशा सीरौठिया- प्रदीप सीरौठिया के साथ पीले वस्त्र पहन व सिर पर कलश धारण कर बड़ी संख्या में महिला व कन्याओं ने कलश यात्रा में भाग लिया।
जैसा कि शास्त्रों में स्पष्ट वर्णन है कि गुरु ही व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान प्रदान करने का सामर्थ्य रखते हैं।अत: कथा व्यास श्री रमाकान्त व्यास रावतपुरा धाम ने कहा कि कथा सभी आयु वर्गों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
इस दौरान लोगों में उत्साह दिखा। यात्रा में शामिल महिलाएं व कन्याएं मंत्र जाप व ईश्वर का गुणगान कर आगे बढ़ रही थीं।
यहाँ सर्वप्रथम श्रीमद् भागवत कथा के पहले प्रदीप सीरौठिया ने कथा व्यास को तिलक लगाकर तथा माला पहनाकर स्वागत किया।कलश यात्रा मे विधि विधान से आचार्य ने यजमान आशा सीरौठिया व प्रदीप सीरौठिया से गणेश जी, बजरंगबली एवं ठाकुर जी का अभिषेक कराकर पूजन कराया।
मंदिर परिसर से बैंड बाजे के साथ निकाली गई कलश यात्रा में श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। श्रद्धालु सिर पर पगडी बांधे कलश यात्रा के आगे विशाल झंडे लिए भजनों की धुनों पर नाचते गाते चल रहे थे।
कलश यात्रा संकटा माता मन्दिर के पास स्वयंवर होटल परिसर से शुरू होकर देवी मंदिर रोड, बाजार, रामनगर से होते हुए वापस कथा स्थल में पहुंची
कथा 2 से 9 दिसंबर तक आयोजित होगी।
वही यजमान प्रदीप सीरौठिया के द्वारा कथा मे श्रद्धालु भक्त जनों की व्यवस्था के लिए भरपूर सुविधा प्रदान कराई गई है। जिससे भक्ति मे भक्त सरवोर होकर कथा का रसपान कर धर्म लाभ प्राप्त कर सकें।
कथा व्यास ने कहा कि श्रीमदभागवत कथा के श्रवण से कल्याण होता है।
कलश स्थापना के पश्चात कथा व्यास पूज्य श्री रमाकान्त व्यास रावतपुरा धाम ने श्रीमद् भागवत गीता का महत्व बताते हुए श्रद्धालुओं से कहा कि ईश्वर भक्ति से ही दुखों का नाश हो सकता है। मनुष्य को सत्य की राह पर चलना चाहिए।