हर किसी के भाई साहब सर्वप्रिय इन्द्रजीत सिंह यादव नहीं रहे, अंत्येष्टि में जुटी सैंकड़ों की भीड

उरई। हर वर्ग, वय-परिचित, अपरिचित सभी के अपने आत्मीय इन्द्रजीत सिंह भाई साहब आज नहीं रहे। उन्होंने सूर्य नगर स्थित अपने घर में सुबह अंतिम सांस ली। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके साथ जिले में राजनीति के एक युग का अवसान हो गया है।

लगभग 85 वर्ष के इन्द्रजीत सिंह यादव ने लंबी राजनीतिक पारी खेली। 1980 तक वे 11 वर्ष जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1980 के विधान सभा चुनाव में जब उनकी दावेदारी को दर किनार कर पार्टी के लिये नवागत सुरेशदत्त पालीवाल को उम्मीदवार बना दिया गया तो आहत होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और नेता जी मुलायम सिंह यादव के प्रेरित करने से लोकदल में चले आये। इसके बाद वे बराबर मुलायम सिंह के साथ जुड़े रहे। मुलायम सिंह ने पहले उन्हें लोकदल का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद मुलायम सिंह के साथ उनका कारवां आगे बढ़ता रहा और वे हमेशा उनके दल के अध्यक्ष रहे। मुलायम सिंह ने उन्हें कई बार विधान सभा चुनाव लड़ने का अवसर दिया लेकिन लोगों की श्रद्धा प्राप्त होने के बावजूद संयोग ऐसा रहा कि वे चुनाव कभी नहीं जीत पाये। मुलायम सिंह ने उन्हें प्रौढ़ शिक्षा निगम का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देते हुये राजसुख का भी अवसर दिया।

एक समय प्रदेश में घोर राजनीतिक कटुता का माहौल रहा लेकिन इन्द्रजीत सिंह यादव ने कभी उस धारा का अनुगमन नहीं किया। उनके दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ भी बहुत आत्मीय रिश्ते रहे। भाजपा के पितामह कहे जाने वाले पूर्व मंत्री बाबूराम एमकाॅम से उनका अपनत्व चर्चा का विषय रहता था। अपने इसी स्वभाव के कारण इन्द्रजीत सिंह यादव को अजात शत्रु की उपाधि दी गयी थी। अत्यंत सौम्य व विनम्र व सादगी और सहजता से रहने वाले इन्द्रजीत सिंह यादव को गांधीवादी मूल्यों की प्रतिमूर्ति कहा जाता था। वे नगर की प्रतिष्ठित डीवी काॅलेज की प्रबंध समिति के सदस्य थे। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रह चुके थे। कई सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े रहे। कोरोना के समय वे और उनकी पत्नी दोनों संक्रमित हो गये थे जिससे कई दिनों तक उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा। इसी दौरान उनकी पत्नी चल बसीं। कई दिन तक उनसे यह जानकारी छुपायी गयी। बाद में उन्हें अस्पताल से तो छुट्टी मिल गयी लेकिन जब जीवन साथी के साथ छोड़ जाने की खबर से वे अवगत हुये तो हमेशा के लिये टूट गये। अधूरेपन को जीते हुये तभी से वे बीमार पड़ गये थे। उनके इकलौते पुत्र आनंद यादव भी जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं। इन्द्रजीत सिंह यादव की आज शाम को मोक्षधाम में अंत्येष्टि हुयी जिसमें सभी पार्टियों के नेता और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों की अपार भीड़ उनकी अंतिम विदाई के लिये उपस्थित रही।

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