कार्यवाहियों से बौखलाए भू-माफियाओं ने जेल भिजवाने का रचा षड्यंत्र
रिपोर्ट: महेश चौधरी
focusnews24x7
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“लगातार झूठे मुकद्दमे में फंसाने की चल रही साजिश”
उरई (जालौन):- जहां एक ओर सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सूबे के पुलिस मुखिया डीजीपी डी एस चौहान द्वारा प्रदेश की जनता को सुरक्षा का एहसास कराने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है तो वही दूसरी ओर जनपद में सक्रिय भू-माफिया सरकार की मदद करने वाले अधिवक्ता को झूठे मुकद्दमे में फसाने और जान से खत्म कराने का प्रयास करके उनकी इस कवायत को ठेंगा दिखाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है।
बता दे कि विकास श्रीवास्तव एडवोकेट ने सरकार के सुरक्षा के वादे पर भरोसा करके भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही कराने की मुहीम सन 2019 में शुरू की थी जिसमे उन्होंने भू-माफियाओं के खिलाफ धारा 98 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता का उल्लंघन करके बैनामा रजिस्टर्ड कराने, स्टाम्प एवं निबंधन शुल्क चोरी, आयकर चोरी और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के सम्बंध में शिकायतें की थी जिन पर सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच की गई और शिकायते सही पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई गई और भूमाफियाओं से 10 लाख रुपये से अधिक की स्टाम्प एवं निबंधन शुल्क की बसूली की गई और साथ ही साथ धारा 98 यू पी एवेन्यू कोड का उल्लंघन करके खरीदी गई भूमि भी उपजिलाधिकारी उरई द्वारा आदेश पारित करके बैनामा को शून्य मानते हुए भूमि को राज्य सरकार में निहित कर दिया।
अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव की शिकायतों से भूमाफ़िया संजय दत्त मिश्रा और उनके व्यापारिक सहभागीदार जितेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ जीतू निवासीगण उरई को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है
साथ ही साथ उनके हाथ से एक बहुकीमती जमीन निकल कर राज्य सरकार के अधिकारों में चली गई जिससे अब भूमाफ़ियाओ ने अधिवक्ता से रंजिश के उसको फर्जी मामले में जेल भिजवाने का षड्यंत्र रच लिया है और उस षड्यंत्र को अमली जामा पहनाने के लिए लगातार प्रयास में है।
लगातार झूठे मुकद्दमे में फंसाने की चल रही साजिश
– जब इस मामले में अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं इस बात से खुश हूं कि मैंने एक आम नागरिक की हैसियत से भूमाफियाओं के खिलाफ चलाई जा रही राज्य सरकार की मुहीम में मदद की और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाहियां कराने हेतु शिकायतें की और उन शिकायतों पर भूमाफियाओं के विरुद्ध कार्यवाहियां भी हुई है लेकिन इस बात से दुखी हूं कि मैंने राज्य सरकार के सुरक्षा वादे पर भरोसा करके भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाहियां कराई लेकिन आज राज्य सरकार के ही नुमाइंदे कोतवाली उरई ने तो दिनांक 25/01/2023 को मेरे खिलाफ मुकदमा लिखने की खुली धमकी देने में भी कोई गुरेज नही किया।
भेजी गयी वास्तिवक तथ्यों के विपरीत रिपोर्ट
– अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान समय मे थाना कोतवाली उरई ने मुझसे मेरा पक्ष जाने बिना अपने ही उच्च अधिकारियों को भ्रमित करने में कोई गुरेज नही किया और वास्तविक तथ्यों को छिपाते हुए मनगढंत रिपोर्ट दिनांक 24/11/22 को तैयार करके भेज दी जिसमे इन्होंने लिखा है कि विकास श्रीवास्तव खुद को अधिवक्ता बताते है और इनकी आम शौहरत अच्छी नही है और इनके खिलाफ चार मामले पंजीकृत है लेकिन यह अंकित करना उचित नही समझा कि इनके द्वारा दिखाए गए अपराध संख्या 555/2015 थाना कोंच और अपराध संख्या 399/2020 थाना कोतवाली उरई के मामले में विवेचना उपरांत स्वयं पुलिस विभाग के ही विचनाधिकारियों ने विवेचना दौरान मामले गलत पाए और अंतिम आख्या न्यायालय में प्रेषित की इसके साथ ही इनके द्वारा अंकित किये गए अपराध संख्या 584/2012 में न्यायालय द्वारा मुझको दोषमुक्त किया जा चुका है अब जो मामले खुद ही गलत और झूठे साबित हो चुके है उनके आधार पर गलत आख्या भेजना यह साबित कर रहा है कि ये भूमाफियाओं के प्रभाव में कार्य किया गया और गलत आख्या भेजी गई।
निकाली जाए काल डिटेल, आएगा सच सामने
– आगे अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 09/2/2023 को मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि भूमाफिया जितेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ जीतू ने मेरे खिलाफ 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है और उन्होंने मीडिया से बात करते समय यह भी कहा है कि मैं फोन करके रंगदारी मांगता हूं तो इस पर मेरा कहना यह है कि मेरे मोबाइल नम्बरों की सीडीआर निकलवा ली जाए तो खुद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और सच सामने आ जायेगा कि मैंने काल की है या नही और इनका आरोप कितनी हद तक सही है।
कई बार दी गई सूचना, मेरे साथ हुई घटना
– अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया कि मैने सबसे पहले दिनांक 06/10/22 को लिखित रूप से पुलिस अधीक्षक जालौन और अन्य उच्च अधिकारियों को सूचना दी थी कि भू-माफिया संजयदत्त मिश्रा और जितेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ जीतू मुझे झूठे मुकद्दमे में फंसाने और जान से खत्म करने की धमकी दे रहे है इसके बाद दिनांक 17/10/2022 को मुझे जान से खत्म कराने की नीयत से जितेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ जीतू ने षड्यंत्र करके मेरे ऊपर हमला कराया जिस घटना में मैं राहगीरों की मदद से अपनी जान बचा पाया किंतु हमलावर मेरे 80 हजार रुपये लूट ले गए जिसकी शिकायत मैंने कोतवाली उरई और अन्य उच्चाधिकारियों से की किंतु कोई कार्यवाही नही हुई और अब मुकद्दमा न्यायालय में विचाराधीन है इसके बाद भी मुझे लगातार धमकी मिल रही है जिसकी लिखित शिकायत मैंने दिनांक 03/01/2023, 20/01/2023 और 25/01/23 को लिखित रूप से पुलिस अधीक्षक जालौन और अन्य उच्च अधिकारियों से की है।