ग्राम महाराजगंज ढेरी में न मुक्ति धाम कीचड़ युक्त रास्ते से मुसीबत में होती है अन्तिम यात्रा ग्रामीणों का छलका दर्द

■ दोनो गांव में अभी तक अंतिम संस्कार के लिए कोई भी स्थल नही बना 

पूँछ झाँसी कस्बा क्षेत्र के ग्राम महाराजगंज ढेरी में आज तक नही हुई मरघट की भूमि का चयन कीचड़ युक्त ब गंदे पानी मे घुसकर नदी के किनारे किया जाता है अंतिम संस्कार

जिला मुख्यालय की सीमा पर बसे संयुक्त ग्राम पंचायत महाराज गंज ढेरी ढेरा में बुजुर्ग लोगो ने बताया कि किसी भी शासन का विकास गांव में धरातल पर नही उतरी है जिसमे दोनो गांव में अभी तक अंतिम संस्कार के लिए कोई भी स्थल नही बना स्थल तो दूर की बात गांव में रिक्त पड़ी गांव समाज की भूमि तक अन्तिम यात्रा को ले जाने के लिए सभी मौसमो में कीचड़ युक्त रहने बाले रास्ते से गुजरना पड़ता है

वही लोगो ने बताया कि यात्रा में जाते समय केई लोग कीचड़ में गिर भी जाते है बताते चले कि महाराज गंज ढेरी कुल करीब छह हजार की आबादी बाले गांव में करीब दो हजार मतदाता है वही गांव में मुस्लिम समुदाय की पठान, सैयद, बैना, रंगरेज, साईं,  पांच जातियां एवं हिन्दू समुदाय की ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया, माली, लुहार, सोनी, भरभूँजा, तेली, नाई, कलहार, अहीर, काछी, ढीमर, केवट, कुम्हार, दर्जी, चमार, बसोर, धोवी, कोरी, बाल्मीक, सोनकर, करीब तेईस जातियां रहती है समथर स्टेट का यह गांव में जहाँ पांच कब्रिस्तान है वही आज तक एक मरघट नही बनाया गया

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में कई बार मांग के बाबजूद भी मरघट एवं मार्ग को नही बनाया गया वही पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधान के द्वारा बताया गया कि प्रस्ताव भी किये गए लेकिन गांव में उपयुक्त जगह को नही खोजा जा सका मामला जो भी हो फिलहाल इतनी बड़ी आबादी के लिए मरघट एवं रास्ता मुसीबत का सबक बना हुआ है

ग्राम के पूर्व प्रधान शंकर सिंह, गंधर्ब सिंह, लल्लू सिंह, राकेश शर्मा सेवानिवृत अध्यापक, हरगोविन्द प्रजापति प्रदीप कुमार दुबे, लालजी तिवारी,दीपू,संतोष पाल, रविन्द्र सोनी आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

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