शहीद शिक्षक के परिवार को पांच करोड़ मुआब्जा देने हेतु जिलाधिकारी महोदय जालौन को दिया गया ज्ञापन।
महगाव बनारस के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को पुलिस आरक्षी ने ताबड़तोड़ गोलिया से छलनी कर दिया, जिससे राजकीय शिक्षक धर्मेंद्र की अनस्पॉट मृत्यु हो गई
आपको बता दे कि वाराणसी से हाईस्कूल की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर पहुंचे सहायक अध्यापक की दस्ते के साथ चल रहे हेड कांस्टेबल ने एसएसपी आवास के सामने एसडी इंटर कॉलेज के मुख्य गेट पर कारबाइन से गोली मारकर शिक्षक की हत्या कर दी। दोनों में तंबाकू को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मौके पर मौजूद एक दरोगा व चार अन्य कर्मचारियों को भी थाने ले गई
उधर, घटना के विरोध में जिले के शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर सरकुलर रोड पर जाम लगा दिया। छह घंटे धरना-प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने सपा विधायक पंकज मलिक को लौटा दिया। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौके पर पहुंचे। पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने पर धरना समाप्त हुआ।
वाराणसी पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश, दरोगा नागेंद्र चौहान, जनपद चंदौली के गांव बैराठ निवासी सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार (32), अध्यापक संतोष कुमार व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र मौर्य, कृष्णकांत, डीसीएम चालक गोंडा निवासी साधू यादव वाराणसी से डीसीएम में उत्तर पुस्तिकाएं लेकर मूल्यांकन केंद्र पर उतारने आए थे। रविवार रात करीब दो बजे वह सिविल लाइन थाना क्षेत्र में रोडवेज बस अड्डे के पास एसएसपी आवास के सामने एसडी इंटर कॉलेज के गेट पर पहुंचे। गेट बंद होने के कारण डीसीएम वहां खड़ी कर आराम करने लगे।
इसी दौरान हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश ने सहायक अध्यापक धर्मेंद्र कुमार से खाने के लिए तंबाकू मांगा। शिक्षक ने तंबाकू नहीं होने की बात कही। इसी बात से गुस्साए हेड कांस्टेबल ने सरकारी कारबाइन से शिक्षक पर फायरिंग कर दी। शिक्षक को कई गोलियां लगीं। अन्य साथी कर्मचारियों ने किसी तरह हेड कांस्टेबल को पकड़ा। फायरिंग की आवाज सुनकर रोडवेज बस अड्डे पर तैनात पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंच कर अधिकारियों को सूचना देते हुए घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने घायल सहायक अध्यापक को मृत घोषित कर दिया।
एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने मौके पर पहुंच कर मामले की जानकारी ली और शव को मोर्चरी में रखवाया है। उधर, सोमवार सुबह घटना की जानकारी पर सैकडों शिक्षकों ने विरोध जताते हुए सरकुलर रोड पर जाम लगाकर धरना दिया। धरने पर पहुंचे सपा विधायक पंकज मलिक और सपा नेता राकेश शर्मा को शिक्षकों ने लौटा दिया। शिक्षकों का कहना था कि वह राजनीति नहीं चाहते।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत धरने पर पहुंचे और शिक्षकों का समर्थन किया। इस दौरान एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व कई थानों की पुलिस के साथ पहुंचे। 11 शिक्षकों की समिति ने जिलाधिकारी अरविंद मल्लपप्पा बंगारी व एसएसपी अभिषेक सिंह से मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने आश्वासन दिया। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया। शिक्षक के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलने के बाद शिक्षकों ने धरना समाप्त किया
नशे की हालत में था हेड कांस्टेबल
आरोपी हेड कांस्टेबल नशे की हालत में था। शिक्षक ने तंबाकू होने से इन्कार कर दिया था। पुलिस जांच में सामने आया है कि दोनों के बीच मनमुटाव हो गया था। इसी वजह से हत्या कर दी गई। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत का कहना है कि पीड़ित पक्ष ने अभी तहरीर नहीं दी है।
वही जनपद जालौन के शिक्षक साथिओं ने चारो मूल्यांकन केन्द्रो पर बहिस्कार किया और शहीद शिक्षक के परिवार को पांच करोड़ मुआब्जा देने हेतु जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन दिया गया
*हत्या के विरोध में नाराज शिक्षकों ने पूरे प्रदेश में किया प्रदर्शन*
आरोपी सिपाही की गिरफ्तारी, मृतक आश्रित को नौकरी व एक करोड़ की सहायता दिए जाने की मांग
वही मुज्जफरनगर में वाराणसी के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार की पुलिस को द्वारा गोली मारकर की गई हत्या के विरोध में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में मैं मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। घटना से आक्रोशित शिक्षकों ने मूल्यांकन केंद्र के गेट पर एकत्रित होकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए।
प्रदेश मंत्री व आईटी सेल के प्रदेश संयोजक संजय द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायन सिंह के निर्देश पर मुजफ्फरनगर की घटना को लेकर पूरे प्रदेश में मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर की घटना से प्रदेश का शिक्षक समुदाय हैरान व आक्रोशित है। उन्होंने बताया की प्रातः सूचना मिली है कि उत्तर पुस्तिकाओं को पहुंचाने मुजफ्कर नगर गये वाराणसी के शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार की हत्या उसी ट्रक में सुरक्षा हेतु तैनात आरक्षी चन्द्रप्रकाश द्वारा कर दी गयी है। संगठन मांग करता है कि मृतक शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान किया जाय । आश्रित को सरकारी नौकरी एवं परिवारिक पेंशन दिया जाय । मृत शिक्षक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाये। हत्यारोपी आरक्षी को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर कड़ी से कड़ी सजा दी जाय ताकि भविष्य में इस तरह की घटना हो। यह जानकारी संजय द्विवेदी
प्रदेश मंत्री से प्राप्त हुई है