नवविवाहित स्त्रियां नहीं रख पाएंगी करवा चौथ पर व्रत, जानें कारण
(इस बार है करवा चौथ पर शुक्र ग्रह अस्त)
- जैसा की नियम है कि हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है.
- इस वर्ष करवा चौथ का त्योहार 13 अक्टूबर 2022 को पड़ेगा
इस सुहाग के पर्व पर सुहागिन करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार कर अखंड सौभाग्वती की कामना के साथ व्रत रखती हैं और फिर चांद का दर्शन कर व्रत खोला जाता है.
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शादी के बाद पहला करवा चौथ बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन
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इस बार नवविवाहित स्त्रियां करवा चौथ व्रत नहीं रख पाएंगी क्योंकि इस बार करवा चौथ पर शुक्र ग्रह अस्त है. आइए जानते हैं शुक्र के अस्त होने का अर्थ समझते है
नवविवाहित सुहागिनों को इस साल व्रत नहीं करना चाहिए.
आइए हम करवा चौथ पर शुक्र के अस्त होने का अर्थ समझते हैं जो इस तरह से है
कि क्यों नहीं बनाना चाहिए नवविवाहिता स्त्रियों को करवा चौथ:
- प्रेम, दांपत्य जीवन, धन आदि में शुक्र ग्रह की अहम भूमिका होती है. शुक्र को सुखी वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है.
- गुरु और शुक्र के अस्त होने पर विवाह, मुंडन, मांगलिक कार्य, नहीं किए जाते.
- 1 अक्टूबर से 20 नवंबर 2022 तक शुक्र अस्त रहेगा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो महिलाएं इस साल पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली हैं उन्हें इस बार व्रत नहीं करना चाहिए. शुक्र अस्त होने से इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है.
व्रत का उद्यापन भी वर्जित
करवा चौथ का व्रत इस बार सिर्फ वही महिलाएं करें जो पहले से यह व्रत करती आ रही हैं, लेकिन इस साल शुक्र अस्त होने से करवा चौथ का उद्यापन भी नहीं किया जा सकेगा
किसी ग्रह के अस्त हो जाने की स्थिति में उसके बल में कमी आ जाती है और वह कुंडली में सही रूप से कार्य करने में सक्षम नहीं रहता है