जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पीठासीन अधिकारी मतदान प्रक्रिया का मुख्य धुरी होता है

 

पीठासीन अधिकारी/प्रथम मतदान अधिकारी का प्रथम प्रशिक्षण राजकीय मेडिकल कॉलेज में दो पालियों में किया गया आयोजित

उरई(जालौन)। जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को निष्पक्ष, स्वतंत्र, पारदर्शी व शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु पीठासीन अधिकारी/प्रथम मतदान अधिकारी का प्रथम प्रशिक्षण राजकीय मेडिकल कॉलेज में दो पालियों में आयोजित किया गया, पीठासीन अधिकारी/प्रथम मतदान अधिकारियों को उनके दायित्वों के बारे में विस्तार से बताते हुए स्वंम प्रशिक्षण दिया।

 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन को सम्पन्न कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्वाचन में लगे सभी कार्मिकों को कहा कि सभी अपने उत्तर दायित्व को भली भांति समझ लें त्रुटि रहित निर्वाचन सम्पन्न कराना है, पीठासीन अधिकारी प्राप्त हैंडबुक का निरंतर अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में लगे कार्मिक किसी भी व्यक्ति का आतिथ्य सत्कार स्वीकार नहीं करेंगे।

 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पीठासीन अधिकारी मतदान प्रक्रिया का मुख्य धुरी होता है, निर्वाचन प्रक्रिया को भली भांति अध्ययन कर लें, निर्वाचन में त्रुटि की कोई भी गुंजाइश नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पोलिंग पार्टी रवाना होने के समय सर्वप्रथम पीठासीन अधिकारी मुख्य रूप से ईवीएम मशीन, बीयू,सीयू एवं वीवीपेट, निर्वाचक नामावली की तीन वर्किंग प्रतियां एआरओ द्वारा प्रमाणित सूची, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची प्रारूप 7क, अभ्यर्थी एवं निर्वाचन अभिकर्ता के नमूना हस्ताक्षर, स्पेशल टैग, कंट्रोल यूनिट हेतु ग्रीन पेपर सील, सुभिन्नक चिन्ह, निविदत्त हस्ताक्षर, मत पत्र को प्राप्त करते समय मिलान कर लेंगे तथा अन्य सामग्रियां पीठासीन अधिकारी के थैली में मिलेंगी। उन्होंने कहा कि रवानगी के समय केवल कंट्रोल यूनिट को ऑन कर बैटरी का प्रतिशत प्रत्याशियों की संख्या का मिलान करें इस दौरान बीयू सीयू एवं वीवीपैट को जोड़ने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि मतदेय स्थल हेतु रवानगी के लिए उपलब्ध कराए गए वाहन का ही प्रयोग करें तथा ईवीएम मशीन एवं अन्य सामग्री को अपने सुरक्षा में रखें। मतदेय स्थल पर पहुंचने के उपरांत की जाने वाली गतिविधियों के बारे में बताया कि मतदान कक्ष के बाहर मतदान क्षेत्र व मतदान केंद्र एवं उसमें उपस्थित मतदाताओं के विवरण को प्रदर्शित किया जाना है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची एवं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान हेतु अनुमन्य किए गए वैकल्पिक पहचान पत्रों की सूची को मतदेय स्थल कक्ष के बाहर चस्पा करना है। उन्होंने मॉकपोल के बारे में बताया कि मॉकपोल की प्रक्रिया वास्तविक मतदान प्रक्रिया शुरू होने से 90 मिनट पहले प्रारंभ की जाती है, यदि पोलिंग एजेंट मौजूद नहीं है तो 15 मिनट का इंतजार के बाद मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ कर देनी चाहिए। ईवीएम मशीन एवं वीवीपैट की मतदान के दौरान तैयारी, सर्वप्रथम बैलेट यूनिट के तार को वीवीपैट के पिछले हिस्से से एवं वीवीपैट के तार को सीयू जोड़ना चाहिए। सीयू को स्विच ऑन करने के बाद वीवीपैट में सात प्रकार की पर्चियां कट कर बॉक्स में गिरेंगी, जो वीवीपैट सही होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सीयू के स्क्रीन के डिस्प्ले पर सीयू का सीरियल नंबर, समय, दिनांक, प्रत्याशियों की संख्या, बैटरी प्रतिशत निम्न विवरण प्रदर्शित होंगे। उन्होंने कहा कि मॉकपोल प्रारंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम क्लियर बटन दबाकर सभी गणना को शून्य कर मतदान अभिकर्ताओं को दिखाएं यदि क्लियर बटन दबाने पर सीयू पर इनवेलिड दिखाई देता है तो पहले क्लोज वह रिजल्ट बटन दबाकर क्लियर बटन दबाए और मतों को शून्य करें। सीयू के निचले हिस्से पर टोटल बटन दबाकर मतदान अभिकर्ताओं को दिखा सकते हैं कि मशीन में कोई वोट नहीं है। तत्पश्चात कम से कम 50 वोटो का मतदान मॉकपोल के लिए अभिकर्ताओं की उपस्थिति में किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाए की लड़ने वाले समस्त प्रत्याशियों एवं नोटा पर मत रिकॉर्ड किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी द्वारा मॉकपोल सर्टिफिकेट, सीयू में पावर पैक रिप्लेसमेंट, मतदान पूरा होने के बाद क्लोज बटन को दबाना, ईवीएम मशीन, वीवीपैट का रिप्लेसमेंट (मॉकपोल के दौरान), ईवीएम/वीवीपैट का रिप्लेसमेंट (वास्तविक मतदान के दौरान), मतदान प्रारंभ होने के संबंध में पीठासीन अधिकारी की घोषणा, मशीन के प्रतिस्थापन के उपरांत की जाने वाली घोषणा, मतदान समाप्ति पर घोषणा, मतदान के उपरांत मशीन को बंद करने के पश्चात घोषणा भरे जाने वाले महत्वपूर्ण भाग हैं। उन्होंने कहा कि मतदान स्थल पर प्रवेश हेतु अधिकृत व्यक्ति मतदान अधिकारी, प्रत्याशी, निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता, प्रेक्षक, माइक्रो आब्जर्वर, वेब कास्टिंग कर्मी, लोक सेवक, निर्वाचन से जुड़े अधिकारी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, असक्त मतदाता से जुड़े सहयोगी आदि अनुमन्य है।मुख्य विकास अधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान दोनों पालियों में 09 पीठासीन अधिकारी तथा 04 प्रथम मतदान अधिकारी अनुपस्थित रहे, अनुपस्थित कार्मिकों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के तहत विधिक कार्रवाई की गई। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे विशाल यादव आदि अधिकारियों सहित मास्टर ट्रेनरों ने प्रशिक्षण दिया।

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