शिक्षा प्रेरको के मानदेय की लड़ाई हाई कोर्ट पहुंची।
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रिपोर्ट  : असगर अली  focusnews24x7 

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साक्षर भारत मिशन के तहत संविदा पर रखे गये प्रदेश भर के एक लाख शिक्षा प्रेरको का मामला हाईकोर्ट पहुँच गयी है। जिसको लेकर सरकार ने अपनी तैयारी भी शुरु कर दी है।

साक्षरता,वैकल्पिक शिक्षा,प्राच्य भाषा विभाग के निदेशक गणेश कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 23 सितम्बर को पत्र लिख कर शिक्षा प्रेरको के संबध मे रिपोर्ट मांगी है।सरकार की ओर से निदेशक से पूछा है कि योजना के तहत कितने निरक्षरो को चिन्हित किया गया और कितने चिन्हित व्यक्तियों को साक्षर किया गया,साथ ही शिक्षा प्रेरको के कार्यो की सत्यापित रिपोर्ट मांगी है।

केंद्र सरकार ने 2009- 10मे यह योजना शुरु की थी यू. पी मे 2011-12 मे योजना चलू हुई थी।लख़नऊ,कानपुर, औरैया,गौतमबुद्ध नगर,गाज़ियाबाद को छोड़ कर 49921 लोक शिक्षा केंद्र पर 2000- 2000 रुपये प्रतिमाह मानदेय पर 99482 शिक्षा प्रेरको को संविदा पर नियम संगत कमेटी गठित कर मेरिट के अधार पर नियुक्त किया गया था।यह योजना अचानक मार्च 2018 को बंद कर दी गयी।जिस से सभी शिक्षा प्रेरक लम्बी सेवा के बाद बेरोजगार हो गये।कही कही 43, तो 38 महोने का मानदेय का भुगतान नहीं किया गया।शिक्षा प्रेरको से BLO से लेकर हॉउस होल्ड सर्वे और अन्य सरकारी योजनाओ मे काम भी लिया गया था।योजना बंद होने से सभी बेरोजगार हो गये।

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