रामनवमी पर निकली भव्य भविष्य यात्रा, जालौन में गूंजा जय श्रीराम
जालौन। रामनवमी के पावन अवसर पर नगर में भव्य भविष्य यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदू संगठनों के प्रमुख नेता एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पूरा जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभालते नजर आया।
यात्रा के दौरान मुख्य मार्ग भगवा रंग में रंगा हुआ दिखा, जहां हाथों में झंडे लिए युवाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। पारंपरिक वेशभूषा में सजे कलाकारों ने रामायण के दृश्यों का जीवंत चित्रण कर जनमानस को भावविभोर कर दिया।
यह आयोजन केवल एक धार्मिक यात्रा न होकर हिंदुत्व की शक्ति का प्रतीक बनकर सामने आया। युवाओं ने इसमें जोश-उत्साह के साथ भाग लेकर यह संदेश दिया कि रामनवमी केवल परंपरा नहीं, बल्कि प्रेरणा है – एक ऐसा पर्व जो सांस्कृतिक एकता और धार्मिक चेतना को प्रखर करता है।
पूरे माहौल में भक्ति, उत्साह और श्रद्धा की त्रिवेणी बह रही थी। “जय श्रीराम” के नारों से आकाश गुंजायमान था, और नगर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता दिखा।
रामनवमी मनाने के पीछे कई धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। यह पर्व केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारे समाज की गहरी आस्था और मूल्यों से जुड़ा हुआ है।
आपको बता दे कि रामनवमी भगवान श्रीराम के जन्म की स्मृति में मनाई जाती है। श्रीराम त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर नवमी तिथि को जन्मे थे। उनका जीवन धर्म, सत्य, और मर्यादा का प्रतीक है।
भगवान राम को “मर्यादा पुरुषोत्तम” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने हर रिश्ते और धर्म का आदर्श रूप से पालन किया—चाहे वह पुत्र धर्म हो, पति धर्म, मित्र धर्म या राजा धर्म। रामनवमी पर हम उनके आचरण को याद कर जीवन में अपनाने की प्रेरणा लेते हैं
राम का जीवन रावण जैसे अधर्मी पर धर्म की विजय का उदाहरण है। रामनवमी यह संदेश देती है कि सत्य और धर्म की जीत निश्चित है, चाहे कितना भी अंधकार क्यों न हो
रामनवमी जैसे पर्व नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति, मूल्यों और धर्म की शिक्षा देने का माध्यम बनते हैं। यह हमें अपने इतिहास और परंपराओं से जोड़े रखते हैं।
रामनवमी के आयोजनों—जैसे झांकियां, शोभा यात्राएं, कीर्तन और राम कथा—से समाज में सामूहिक भक्ति और एकता का भाव उत्पन्न होता है।
जालौन मे रामनवमी के पावन अवसर पर नगर में भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। पूरा जालौन का माहौल भक्ति मय था