उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक सितंबर को 16 वरिष्ठ आईएएस अफसरों के विभाग बदल दिये गए। इस लिस्ट में जिस नाम ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, वो हैं
CM के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद। उन्हें प्रमुख सचिव गृह और प्रमुख सचिव सूचना जैसी भारी-भरकम और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी गई है।
अभी तक गृह विभाग मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले अवनीश अवस्थी के पास था, जो 31अगस्त को रिटायर हो गए। जबकि सूचना विभाग नवनीत सहगल के पास था, जिन्हें अब खेलकूल विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। नई जिम्मेदारी के बाद अब संजय प्रसाद यूपी सरकार के सबसे ताकतवर नौकरशाह बन गए हैं।
संजय प्रसाद मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और 1995 बैच के आईएएस अफसर हैं। प्रसाद की गिनती तेज-तर्रार IAS अफसरों में होती है। वह पिछले करीब 3 सालों से मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं और एक तरीके से सीएम ऑफिस का पूरा दारोमदार उन्हीं के कंधों पर है। वे लोकभवन से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक सीएम योगी के साये की तरह नजर आते हैं।
कोरोना काल में जब यूपी के तमाम जिलों में दवाओं, ऑक्सीजन और बेड वगैरह की कमी की बात आई तब संजय प्रसाद ही वो अफसर थे, जिन्होंने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला था। दिन-रात कमांड सेंटर में डटे रहे और सीएम योगी को पल-पलकर की खबर देते रहे। मुख्यमंत्री के साथ तमाम जिलों का दौरा भी किया। प्रसाद को ‘डाटा मैन’ भी कहा जाता है। सरकार के तमाम डिपार्टमेंट से लेकर जिलों तक के जरूरी आकड़े डाटा के जरिये बेहद आसानी से समझा देते हैं।
1999 में योगी से हुई थी पहली मुलाकात: संजय प्रसाद, पहली बार योगी आदित्यनाथ की नजर में तब आए जब वो साल 1999 से 2001 तक गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) हुआ करते थे। इसी वक्त योगी, गोरखपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे। बाद में प्रसाद, आगरा, लखीमपुर खीरी, फैजाबाद, फिरोजाबाद और महाराजगंज जैसे जिलों के डीएम भी रहे। करीब 4 साल तक केंद्र सरकार में भी प्रतिनियुक्ति पर सेवा दी।
संजय प्रसाद अपनी फिटनेस के लिए भी चर्चित हैं। वो हर दिन लंबा वॉक और एक्सरसाइज जरूर करते हैं।