इस बात को सभी जानते हैं कि हर एक बच्चे का सबसे पहला स्कूल उसका घर होता है। और उसके पहले शिक्षक माता-पिता। माता पिता अपने बच्चों के सामने व उसके साथ जिस तरह का बर्ताव करते हैं, वह बच्चों के दिमाग पर गहरा असर डालता है।

बच्चों की सही परवरिश करना एक कोई आसान काम नही। अधिकतर पेरेंट्स के लिए यह तय करना बेहद मुश्किल हो जाता है कि उनके बच्चों के लिए क्या सही है और क्या गलत।

ऐसी कुछ आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो सकती है। तो आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में –

आउटडोर खेलने के बजाय स्क्रीन का इस्तेमाल करने देना – आज के समय में अधिकतर बच्चे बाहर प्ले ग्राउंड में खेलने से ज्यादा स्मार्ट फोन, टेबलेट और लैपटॉप में गेम खेलना पसंद करते हैं।
ऐसा करने से आपका बच्चा टेक्निकली स्मार्ट तो जरूर बन जाता है, लेकिन उसका ओवरऑल ग्रोथ पर बहुत बुरा असर होता है। कई घंटों तक स्क्रीन का इस्तेमाल करने से बच्चों के शारीरिक और मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा उनकी आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है।

सभी नखरो को पूरा करना – आजकल के मां-बाप अपने समय और एनर्जी की बचत करने के लिए अपने बच्चों की हर एक जिद़ को बिना सोचे समझे पूरा कर देते हैं। ऐसा करने से बच्चे अपनी भावनाओं पर काबू पाना नहीं सीख पाते। उनकी हर एक जिद पूरी होने के कारण वह सही और गलत के बीच में अंतर करना नही सिख पाते।

हमेशा जीतना –आजकल बच्चों के बीच में कंपटीशन बेहद बढ़ गया है। इसके साथ ही सभी पेरेंट्स भी अपने बच्चों को सिर्फ जीतने के लिए ही प्रोत्साहित करते हैं और उनको फेलियर से डिल करना नहीं सिखाते। हर एक पेरेंट्स चाहता है कि उनका बच्चा कभी किसी भी चीज मे फेल ना हो। हालांकि आपका बच्चा हमेशा कंपटीशन में सबसे आगे हो ऐसा जरूरी नहीं। इस कारण से आपको उन्हें ऐसी परिस्थितियों से डील करना अवश्य सिखाना चाहिए। यह उनकी ग्रोथ और विकास के लिए काफी जरूरी है।

तुलना करना – माता-पिता को यह बात समझनी चाहिए कि हर बच्चा एक जैसा नहीं होता। भाई बहनों में भी काफी अंतर होता है। हर किसी में कुछ अच्छाइयां तो कुछ बुराइयां होती है। आपका बच्चा अगर कुछ चीजों में दूसरों से बेहतर नहीं है तो ऐसी चीजें भी जरूर होंगे जिसमें वह सबसे बेहतर होगा। आपको कभी भी अपने बच्चों को दूसरे बच्चों से कंपेयर नहीं करना चाहिए।

सिखाने के बजाय डांटना – हमने अक्सर देखा है कि बच्चों को कुछ चीज ना समझ आने पर उनके पेरेंट्स डांटने लगते है। ऐसा करने से बच्चों के मन में डर बैठ जाता है। जिसके चलते वह आगे आपसे कुछ भी पूछने में कतराने लगेंगे। मां बाप के हमेशा चिल्लाने और गुस्सा करने से बच्चों में भी यह गुस्सैल प्रवृत्ति आ सकती है।

मांगने से पहले हर इच्छा पूरी कर देना – पेरेंट्स को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि वह भूलकर भी अपने बच्चों के आगे झूठ ना बोले। ऐसा करने से बच्चों को गलत सिगनल्स मिलते हैं, जिससे उन्हें भविष्य में काफी परेशानी हो सकती है। जब भी आप अपने बच्चों के सामने किसी परिस्थिति से बचने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं, तो आपका बच्चा भी भविष्य में खुद को बचाने के लिए इस ट्रक का सहारो ले सकता है।

नाकामियों के लिए बच्चों को दोष देना – बच्चों को जन्म देने का फैसला माता-पिता का होता है। ऐसे में अगर आपको कभी भी अपने बच्चों का बर्ताव खराब लगता है, तो उसके लिए बच्चों को भला बुरा नहीं बोलना चाहिए। आपको चाहे कितना भी गुस्सा क्यों ना आए आपको अपने बच्चों पर यह गुस्सा नहीं निकालना है। क्योंकि यह आपका अपना फैसला था।

चीजों को ना छोड़ना – बच्चों की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं है। उनके हेल्थ और भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि आप को खुद को भी चेंज करें। बच्चों के आगे आपको अपने कुछ आदतों को बदलना होगा। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा जंक फूड ना खाए तो इसके लिए सबसे पहले आपको खुद जंक फूड का सेवन बंद करना होगा। बच्चों की किसी भी आदत को सुधारने से पहले आपको वह काम सबसे पहले खुद बंद करना होगा। जो चीज आप खुद नहीं छोड़ पा रहे हैं उसकी उम्मीद आप अपने बच्चों से भी नहीं कर सकते

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