एक पुत्र अपने माता पिता को लेकर पहुचा जिलाधिकारी कार्यालय। लगा रहा आर्थिक मदद की गुहार
रिपोर्ट : विवेक तिवारी focusnews24x7
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- जिलाधिकारी कार्यालय से लगायी आर्थिक मदद की लगायी
- पुत्र ने बताया कि पिता की दोनो किडनियां खराब है। व वही मां को है कैन्सर।
- दोनो का चल रहा तकरीबन तीन साल से इलाज।
- बजाज पावर प्लांट मे एक वेंडर कम्पनी लगा गई लगभग 9 लाख का चूना।
- पिता एक प्राईवेट कम्पनी सिम्पिलैक्स मे सिक्योरिटी गार्ड एजेन्ट था।
- जिलाधिकारी कार्यालय से पैसा वापस कराए जाने की गुहार या जिलाधिकारी कार्यालय इलाज में मदद करें।
ललितपुर जिलाधिकारी कार्यालय पर एक व्यक्ति चादर ओड़े नीचे जमीन पर सुबह से ही लेटा हुआ था और कांप भी रहा था पता चला कि इसकी दोनो किडनियां खराब है। उसको यहां लेकर आने बाले गये है प्राथना पत्र टाइप कराने।
एक पुत्र अपने माता पिता को लेकर पहुचा जिलाधिकारी कार्यालय लगा रहा आर्थिक मदद की गुहार
पिता की है दोनो किडनी खराब तो वही मां को है कैन्सर दोनो का चल रहा तकरीबन तीन साल से इलाज
आज माता पिता दोनो को ग्राम चिगलौआ से लेकर पहुचा जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुच कर लगाई मदद की गुहार
बजाज पावर प्लांट मे एक कम्पनी लगा गई लगभग 9 लाख का चूना तो वही एक और ठेकेदार ने लगाया 6 लाख का चूना
पुत्र बोला साहब या तो मेरे पैसे दिला दो या आप ही सरकारी सहायता से मेरे माता पिता का करा दो इलाज
पिता की है हालत जयादा खराब महीने मे तीन बार होता है डायलैसिस
पुत्र ने बताया कि उसका पिता एक प्राईवेट कम्पनी सिम्पिलैक्स मे सिक्योरिटी गार्ड एजेन्ट था जिसके अन्डर मे 63 सिक्योरिटी गार्ड कार्यरत थे जो बजाज पावर प्लांट मे ही सिक्योरिटी करते थे अब यह सभी कर्मचारी जिनको रूपसिंह ने काम पर लगाया था कम्पनी के भागने के बाद रूपसिह से ही पैसा मांगने लगे और रूपसिंह ने पैसा दिया भी रूपसिंह ने सोचा था कि देर ही सही मेरे पैसे मिल ही जायगे लेकिन 2017 से अभी तक केबल टाला मटोली ही की जा रही है वही रूपसिंह की माने तो यह सिम्पिलैक्स कम्पनी जाते जाते रूपसिंह को एक लैटर भी लिखकर गई जिसके आधार पर रूपसिंह को यह पैसा बजाज पावर प्लांट से लेना है पीडित रूपसिंह को करीब 9 लाख रुपय चाहिये है तो वही बजाज पावर प्लांट के चक्कर लगाते लगाते पीड़ित थक गया है और केवल तारीख पे तारीख मिल रही है।
वहीं कई बार जिलाधिकारी से भी मदद की गुहार लगा चुका है पीड़ित का परिवार लेकिन ना तो पीड़ित को जिला प्रशासन से कोई मदद मिली और ना ही बजाज पावर प्लांट से ही राहत मिल सकी।