एनिमल वेल्फेयर बोर्ड आफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. ओपी चौधरी ने सभी राज्यों को जारी किए गए अपने पत्र में लिखा है कि कई पशु मालिक अपने मृत पशु का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करने के लिए दर-दर भटकते हैं।

 

लंपी वायरस से राजस्थान समेत कुछ राज्यों से पशुओं के मौतों की भयावह तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। पशुओं की मौत के मामले में संज्ञान लेते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। इसके माध्यम से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया गया है कि मरने के बाद भी जीवों को सम्मान मिलना चाहिए, उनके शवों को यूं ही खुले में न फेंका जाए। वे अपने राज्य के हर जिले में कम से कम एक ऐसा श्मशान घाट जरूर बनाएंगे, जहां पर मृत पशुओं के शरीरों का दाह संस्कार उचित सम्मान के साथ किया जा सके।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने कुत्तों के लिए शहर का पहला सार्वजनिक श्मशान घाट स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है, जहां उचित रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार के बाद 15 दिनों तक उनकी राख को रखने का प्रावधान किया जाएगा।

अक्टूबर में नगर निकाय की स्थायी समिति ने शहर में अपनी तरह की इस पहली सुविधा में पालतू और आवारा कुत्तों के दाह संस्कार की लागत तय की थी।

अधिकारी ने कहा, “इसलिए, 30 किलोग्राम बायोमास तक वजन वाले कुत्ते के लिए दर 2,000 रुपये और 30 किलोग्राम से अधिक की श्रेणी के लिए 3,000 रुपये होगी।”

हालांकि, इस सुविधा में आवारा कुत्तों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क किया जाएगा।

देहरादून:शहरवासियों को अब सड़क या नदी व नालों के किनारे फेंके जाने वाले मृत पशुओं की दुर्गंध से निजात मिलने जा रही है। नगर निगम शहर में विद्युत शवदाह गृह बनाने जा रहा। केदारपुरम स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में बनने जा रहे विद्युत शवदाह गृह में आवारा पशुओं के साथ पालतू पशु का दाह संस्कार भी किया जा सकेगा। नगर आयुक्त द्वारा  प्रदूषण के मानकों का पूरा ध्यान रखते हुए शवदाह गृह की चिमनी काफी ऊंची बनाई जाएगी। नगर निगम खुद इसका संचालन करेगा। । इस पर लगभग 25 लाख रुपये तक का खर्च है।

ऐसी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हर जिले में कम से कम एक श्मशान भूमि ऐसी जरूर बनाई जाए, जो केवल पालतू पशुओं के लिए हो। जहां पर लोग अपने पालतुओं का अंतिम संस्कार कर सकें

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