दुखी मन से फूट-फूटकर रोई वायरल साध्वी हर्षा रिछारिया।
■धर्म की बेटी यदि गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ में स्नान करे क्या उचित या नही कृपया कमेंट करे।
■”अखाड़े के वरिष्ठ संतों के अनुसार, हर्षा रिक्षारिया के व्यवहार में अनुशासनहीनता के कारण यह निर्णय लिया गया।”
मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हर्षा रिछारिया ने जब एंकरिंग व मॉडलिंग छोड़ प्रयागराज महाकुंभ में साध्वी रूप धारण करना विवाद का कारण हो गया.।
वही इस हर्षा के परिवार का बयान सामने आया है।
संगम प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ आयोजन किया जा रहा है.
आस्था और अध्यात्म के महापर्व महाकुंभ में भक्ति और साधना के कई रंग देखने को मिल रहे हैं।
महाकुंभ में धर्म गुरुओं व साधु संन्यासियों का जमावड़ा लग चुका है।
दुनिया के सबसे धार्मिक आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के कोने-कोने से लोग महाकुंभ में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं
इसी तरह मध्य प्रदेश के भोपाल की हर्षा रिछारिया ने एंकरिंग- माडलिंग का करियर छोड़कर महाकुंभ में साध्वी का रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया.
निरंजनी अखाड़े के रथ पर सवार हो शाही स्नान करने पर कुछ साधु-संतों ने उन्हें फटकार लगाई, पाखंडी भी बोल दिया
हालांकि कई महात्माओं ने उनका बचाव भी किया. देशभर में हो रही चर्चाओं से हर्षा का परिवार बेहद चिंतित है।
भोपाल के वृंदावन नगर निवासी हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया, मां किरण और भाई करण ने सवाल उठाया कि माडलिंग का सम्मानजनक करियर छोड़कर हर्षा ने दो-तीन साल पहले धर्म का मार्ग अपनाया है तो क्या गलत किया
वही देखा जाये यदि दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती हैं, तब सभी उनकी वाहवाही करते हैं, लेकिन अपने ही देश और धर्म की बेटी यदि गुरु से दीक्षा लेकर महाकुंभ में स्नान करती है तो उसे पाखंडी बताने लगते हैं.
बता दें कि हर्षा का परिवार मूलतः उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीपुर से हैं. उनका परिवार पिछले 25 वर्षों से भोपाल रह रहे हैं।
महाकुंभ में पवित्र स्नान करने प्रयागराज पहुंची वायरल साध्वी हर्षा रिछारिया फूट-फूटकर रोने लगी।
उन्होंने महाकुंभ छोड़ देने का ऐलान कर दिया है. रोते हुए हर्षा ने ट्रोलरों पर गंभीर आरोप लगा दिया।
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो रोते हुई दिख रही हैं.।
रोते हुए हर्षा ने कहा, “शर्म आनी चाहिए एक लड़की जो धर्म से जुड़ने के लिए यहां आई थी, धर्म को जानने आई थी, सनातन संस्कृति को जानने यहां आई थी।
कुंभ जो हमारे जीवन में एक बार आएगा. आपने वो कुंभ एक इंसान से छीन लिया. जिसने भी ऐसा किया है उसे पाप लगेगा.”
वायरल साध्वी ने कहा, “कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया।
निरंजनी अखाड़े के छावनी प्रवेश के दौरान एक रथ पर संतों के साथ हर्षा रिछारिया के बैठने को लेकर विवाद पैदा हो गया।
काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, “महाकुंभ मेले में निरंजनी अखाड़े के छावनी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी महाराज से भोजन प्रसाद पर चर्चा हुई।
मैंने कहा कि यह कुंभ अखाड़ों को मॉडल दिखाने के लिए नहीं आयोजित है, यह कुंभ जप, तप और ज्ञान की गंगा के लिए है।
इसलिए इस कुकृत्य पर आप कार्रवाई कीजिए.”
“महाकुंभ 2025: निरंजनी अखाड़ा से हर्षा रिक्षारिया का निष्कासन, आंतरिक मतभेदों की गूंज”
प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान निरंजनी अखाड़ा ने एक अहम फैसले में हर्षा रिक्षारिया को संगठन से निष्कासित कर दिया है। इस निर्णय के पीछे [कारण का उल्लेख करें—जैसे अनुशासनहीनता, अखाड़े के सिद्धांतों का उल्लंघन आदि बताया जा रहा है।
महाकुंभ जैसे वैश्विक धार्मिक आयोजन के दौरान निरंजनी अखाड़ा द्वारा हर्षा रिक्षारिया का निष्कासन अखाड़े के अनुशासन और परंपराओं की गंभीरता को दर्शाता है। यह घटना दिखाती है कि धार्मिक संस्थाएं भी आंतरिक शुद्धता और सिद्धांतों के पालन के लिए सख्त फैसले ले सकती हैं।”
“निष्कासन के फैसले के बाद अखाड़े के भीतर और बाहर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं। कुछ इसे अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी कदम मानते हैं, तो कुछ इसे आंतरिक राजनीति का नतीजा बता रहे हैं।”
“अखाड़े के वरिष्ठ संतों के अनुसार, हर्षा रिक्षारिया के व्यवहार में अनुशासनहीनता के कारण यह निर्णय लिया गया।”