धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को समाप्त करने की मांग की
■साथ ही एक स्वतंत्र निकाय के रूप में ‘सनातन हिंदू बोर्ड 2025’ की स्थापना की बात कही
रिपोँट : विनय कुमार पचौरी
महाकुंभ 2025 के दौरान आयोजित धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वर्शिप एक्ट को समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार को मांगपत्र भी भेजा जा रहा है।
धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसमें चारों शंकराचार्यों के संरक्षण में एक स्वतंत्र निकाय के रूप में ‘सनातन हिंदू बोर्ड 2025’ की स्थापना की बात कही गई।
इस बोर्ड का मुख्य कार्य
■ मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराना,
■ मठ-मंदिरों में गौशाला और गुरुकुल की स्थापना करना,
■मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति,
■सनातन धर्म से जुड़े गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, और
लव जिहाद एवं धर्मांतरण को रोकने के लिए कदम उठाना होगा।
जगतगुरु विद्या भास्कर महाराज ने इस अवसर पर कहा, “पूरी पृथ्वी पर मेरा ही अधिकार क्यों नहीं?” उनका यह बयान सनातन धर्म के व्यापक प्रभाव और अधिकार की ओर संकेत करता है।
धर्म संसद में पांच प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए:
- अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की तर्ज पर मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनाया जाए।
- सभी प्रमुख मंदिरों में पूजा और प्रसाद वितरण की व्यवस्था वैदिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार की जाए।
- वर्शिप एक्ट को समाप्त किया जाए।
- देशभर के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए।
- हर बड़े मंदिर में गौशाला का निर्माण किया जाए।
इन प्रस्तावों के माध्यम से सनातन धर्म की परंपराओं और मान्यताओं की रक्षा करने का संकल्प लिया गया।
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