द दून स्कूल में दाखिला पाने के लिये छात्रों को एडमिशन के एंट्रेस टेस्ट और इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है।
देहरादून का द दून स्कूल देश के सबसे अच्छे बोर्डिंग स्कूलों में से एक है। यह बोर्डिंग स्कूल केवल लड़कों के लिए है। यहां दाखिला पाने का सपना लाखों बच्चे देखते हैं, हालांकि केवल कुछ ही विद्यार्थी अपनी जगह बना पाते हैं। यहां से राजीव गांधी, राहुल गांधी, संजय गांधी ज्योतिरादित्य सिंधिया और नवीन पटनायक सहित अन्य कई बड़ी हस्तियों ने शिक्षा प्राप्त की है।
कलकत्ता के एक वकील एस.आर. दास ने 1935 में दून स्कूल की स्थापना की थी। उन्होंने बाद में बंगाल के एडवोकेट जनरल के रूप में कार्य किया और लॉर्ड इरविन की वाइसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य थे। एस.आर दास की शिक्षा इंग्लैंड के एक उच्च शैक्षणिक और प्रतिष्ठित ऑल-बॉयज़ स्कूल, मैनचेस्टर ग्रामर स्कूल में हुई थी। ब्रिटिश निजी बोर्डिंग स्कूल की तर्ज पर उन्होंने भारत में द दून स्कूल बनाने और स्थापित करने की शुरुआत की। वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि भारत में लड़कों को बिना अपना देश छोड़े वही शैक्षिक अवसर मिले जो उन्होंने मैनचेस्टर में अनुभव किए थे।
एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थियों को सबसे पहले स्कूल की आधिकारी वेबसाइट doonschool.com पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। अभिभावक चाहें तो बेटे के जन्म के तुरंत बाद रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके लिए बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट लगेगा और रजिस्ट्रेशन फीस भी देनी होगी। एडमिशन के लिए हर साल अक्टूबर में एंट्रेस टेस्ट आयोजित किया जाता है। परीक्षा पास करने के बाद छात्रों को फिर इंटरव्यू देना होता है।
दून स्कूल में 12 से 18 वर्ष की आयु के लड़कों को शिक्षा दिलाने के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। यहां लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, मल्टी पर्पज हाल, म्यूजिक स्कूल, साइंस डिपार्टमेंट, वेलनेस सेंटर से लेकर आर्ट और मीडिया स्कूल तक अन्य कई सुविधाएं हैं। हालांकि, यहां लगभग 13 लाख रुपए सालाना फीस देना पड़ता है।
पूर्व पीएम राजीव गांधी सहित कई बड़ी हस्तियों ने की है यहां से पढ़ाई