किसी भी व्यक्ति को टैक्स तब चुकाना होता है, जब वह किसी कोई भी बड़ा फंड इकठ्ठा करता है या फिर हाऊस, जमीन और निवेश से लाभ कमाता है।
साथ ही हाऊस और जमीन जैसी चीजों को बेचकर पूंजीगत लाभ कमाता है तो भी उसे टैक्स देना होता है।
अगर आप आयकर अधिनियम 80 सी के तहत टैक्स का दावा भी करते हैं तो भी इन लाभों पर टैक्स देना होगा।
पूंजीगत लाभ पर टैक्स सेव के लिए कुछ अन्य तरीके हैं, जिसका उपयोग कर आप टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। जानते कैसे आप इन पर टैक्स लाभ कमा सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं पूंजीगत लाभ पर कर छूट का दावा
अगर कोई भी व्यक्ति अपने घर, जमीन और अन्य पूंजी पर टैक्स छूट का दावा करना चाहता है तो उसे आयकर अधिनियम के धारा 54, 54EC और धारा 54G के तहत छूट दिया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अलग- अलग शर्त दी गई है। आयकर विभाग के अनुसार, कोई भी व्यक्ति इन धाराओं के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकता है
दूसरे आवासीय घर में निवेश करने पर धारा 54 के तहत टैक्स छूट
कोई भी टैक्सपेयर टैक्स के लिए क्लेम धारा 54 के तहत कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त है कि दावा करने के लिए नई गृह संपत्ति को पुराने घर की संपत्ति की बिक्री से 1 साल पहले या 2 साल बाद खरीदा जाना चाहिए। वहीं निर्माण के मामले में पुरानी संपत्ति की बिक्री के 3 साल के भीतर नई संपत्ति का निर्माण किया जाना चाहिए।
इन स्थितियों में नहीं मिलेगा छूट
लॉक इन अवधि से पहले बेचने पर टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकते हैं। साथ ही यह केवल भारत के नागरिक ही इसका लाभ उठा सकते हैं। देश के बाहर की संपत्ति में टैक्स छूट का दावा नहीं किया जा सकता है। 2 लाख रुपए से अधिक लाभ की रकम होने पर भी टैक्स लाभ नहीं मिलेगा। साथ दो हाऊस प्रॉपर्टी के लिए केवल एक बार ही टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।
बांड में निवेश करके धारा 54EC के तहत कर छूट
व्यक्ति किसी भी संपत्ति (आवासीय और वाणिज्यिक) की बिक्री से एलटीसीजी के संबंध में धारा 54EC के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं। उन्हें कर छूट का दावा करने के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित बांडों में निवेश करने की आवश्यकता होती है। ऐसे बॉन्ड में 5 साल का लॉक-इन होता है। अगर बांड 5 साल की समाप्ति से पहले बेचे जाते हैं, तो कर छूट नहीं मिलेगी।
कंपनी में निवेश करके धारा 54G के तहत कर छूट
यह खंड व्यक्तिगत करदाताओं को गृह संपत्ति की बिक्री पर कर छूट प्रदान करता है। अगर संपत्ति की बिक्री पर प्राप्त लाभ को कंपनी (आमतौर पर एक स्टार्टअप) के इक्विटी शेयरों में निवेश किया जाता है, तो कर छूट का दावा किया जा सकता है। इसके अलावा, कंपनी को 1 वर्ष की अवधि के भीतर कुछ संयंत्र और मशीनरी, कार्यालय उपकरण (जैसे कंप्यूटर और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, आदि) या आधिकारिक उपयोग के लिए कोई वाहन खरीदने के लिए धन का उपयोग करना होगा।
ऐसा निवेश आयकर रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख को या उससे पहले किया जाना आवश्यक है। इसलिए, अगर घर फरवरी 2022 में बेचा जाता है, तो स्टार्टअप या कंपनी में निवेश 31 जुलाई, 2022 को या उससे पहले किया जाना चाहिए।
बजट में दो मकानों पर मिली छूट
धारा 54 कर छूट देती है, जब आप एक घर बेचकर दूसरा खरीद लेते हैं, यानी मकान बेचने से मिले पूंजीगत लाभ को कोई दूसरा खरीदने या मकान निर्माण में खर्च कर दिया जाए। बजट में यह छूट एक मकान से बढ़ाकर दो कर दी गई है। हालांकि मकान की बिक्री से हुआ पूंजीगत लाभ दो करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए फिर चाहे उसे दो संपत्तियों में भले ही निवेश किया गया हो। यह लाभ किसी व्यक्ति को जिंदगी में सिर्फ एक बार मिलता है।
आनुपातिक आधार पर टैक्स प्रावधान
कर छूट का लाभ लेने के बाद अगर पूरी रकम नहीं निवेश करते हैं तो आनुपातिक आधार पर बाकी रकम पर टैक्स लगेगा। एक मकान को बेच दूसरा खरीद कर टैक्स छूट लेने के बाद तीन साल के भीतर ही उसे दोबारा बेच देते हैं तो यह लाभ वापस हो जाता है। ऐसे में यह आपको उस पर दोबारा कर देना पड़ेगा।नई प्रापर्टी बिक्री के या तो एक साल पहले खरीद ली जाए या बिक्री के दो साल के बाद तक। या फिर नई आवासीय परिसंपत्ति पुरानी प्रापर्टी बिक्री के तीन साल के भीतर बना ली जाए।