किसे लगाई जाएगी नेजल वैक्सीन? जानिए कहां मिलेगी और कितनी है प्रभावी?

  • 27 दिसंबर को पूरे देश के अस्पतालों में कोविड के खिलाफ इमरजेंसी की तैयारियों को लेकर एक मॉक ड्रिल का आयोजन
  • 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक नोजल बूस्टर डोज के लिए पात्र हैं।

नवंबर में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा इंट्रानेजल वैक्सीन BBV154 को 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए आपातकालीन स्थिति में बूस्टर के रूप में प्रतिबंधित उपयोग के लिए मंजूरी मिली।

भारत बायोटेक की बनाई गई टू-ड्रॉप नेजल वैक्सीन को चीन सहित कुछ अन्य देशों में बढ़ते कोविड के मामलों को देखते हुए मंजूरी दी गई थी।

यह बिना इंजेक्ट किए हुए लगाई जाती है और प्रशासन इसे आसानी से उपलब्ध भी करवा रहा है। इस वैक्सीन का डोज लेने के लिए किसी प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी की जरूरत नहीं होती है हम इसे अपने आप ले सकते हैं।
प्रतिष्ठित वैज्ञानिक जर्नल सेल और नेचर में छपे संपादकीय के मुताबिक,नेजल वैक्सीन की डोज न केवल कोविड -19 से बचाती है, बल्कि यह एक अन्य प्रकार की इम्यूनिटी दे कर आपकी बीमारी को और लोगों में फैलने से रोकती है।

ये वैक्सीन मुख्य रूप से उन कोशिकाओं पर असर करती है जो नाक और गले को जोड़ती है।

भारत बायोटेक के अनुसार, इंट्रानेजल वैक्सीन के कई फायदे हैं क्योंकि नाक के रास्ते में टीकाकरण की बेहतरीन क्षमता है।
18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक नोजल बूस्टर डोज के लिए पात्र हैं। जिन लोगों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका लग चुका है, वे इसे हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक के रूप में ले सकते हैं। हेटेरोलॉगस बूस्टिंग में एक व्यक्ति को प्राथमिक खुराक के लिए इस्तेमाल किए गए टीके से अलग टीका लगाया जाता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार 27 दिसंबर को पूरे देश के अस्पतालों में कोविड के खिलाफ इमरजेंसी की तैयारियों को लेकर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। कहा जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी इस दौरान किसी भी सरकारी अस्पताल के दौरे पर जा सकते हैं।

इसके पहले गुरुवार 22 दिसंबर को पीएम मोदी ने कोविड के खिलाफ तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी।

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