पुरानी पेंशन बहाली के लिए दिल्ली में महाशंखनाद रैली

पुरानी पेंशन को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में देश भर से कर्मचारी शिक्षक गण पहुंच गए हैं देशभर से आए हुए कर्मचारी में अपनी पेंशन बहाली को लेकर भरी जोश है और आपसी एक जुटता दिखाई दे रही है

पुरानी पेंशन को लेकर अटेवा व नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े संगठन देश के कोने-कोने से आकर आज रामलीला मैदान में एकजुट होकर खड़े हैं

यहां कर्मचारियों का शनिवार से ही नही बल्कि शुक्रवार से ही आने का सिलसिला शुरू हो गया था रविवार को यह रामलीला मैदान पूरा खचाखच भर गया
आपको बता दे दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में टेंट लगाने की अनुमति नहीं प्रदान की इसके बावजूद भी कर्मचारियों में जोश भरा हुआ है
हमारे रिपोर्टर को वहां की कर्मचारियों ने बताया पुरानी पेंशन कर्मचारी शिक्षकों अधिकारियों के लिए जीवन मरण का मुद्दा बन गया हैआज रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन बहाल न होने को लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश दिखाई दे रहा था यहां रैली के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को संदेश देते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई है
वहां की कर्मचारियों ने हमारे फोकस न्यूज 24×7 के दर्शन अग्रवाल को बताया जब पांच राज्यों में पेंशन बहाली हो सकती है तो पूरे देश में पेंशन बहाली क्यों नहीं हो सकती।

आज देखा जाए अर्ध सैनिक बलों को पुरानी पेंशन बहाली ना देना कौन सा राष्ट्रवाद है?
आप सभी जानते हैं शिक्षा कर्मचारी अधिकारी सरकार का आंख नाक कान होता है सरकार की सारी योजनाओं को धरातल पर लाने का कार्य शिक्षक ही करता है।
वही पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशनर स्कीम से जुड़े संगठनों ने बोट फार ओ पी एस का अभियान पूरे देश में चलाने का निर्णय लिया है।

आपको बता दें इस महा रैली में सहयोग व समर्थन करते हुए भारी संख्या में है लोग पहुंच रहे हैं।

आपको बता दें क्या है एनपीएस व ओ पी एस

इसका मतलव यह है कि OPS में सरकार कर्मचारी की लास्ट सैलरी की 50 फीसदी पेंशन की गारंटी देती है।

वहीं, OPS में कर्मचारी को अपनी जॉब के दौरान कोई योगदान नहीं देना होता, जबकि NPS में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी योगदान देना होता है. OPS को साल 2004 में शुरू किया गया था।

हालांकि ठीक इसके अगले साल यानी साल 2005 में अटल विहारी वाजपेई की सरकार ने इसके बंद कर NPS लागू किया था।

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