गया आने वाले लोग अपने पूर्वजों-पितरों का श्राद्ध और तर्पण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से करे कामना।
■गया का पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू हो रहा है और यह मेला 2 अक्टूबर तक रहेगा।
■अब घर बैठे ऑनलाइन पितरों को दीजिये मुक्ति, बिहार सरकार ने की बड़ी व्यवस्था।
बिहार पर्यटन निगम ने ई-पिंडदान की व्यवस्था की है
दुनियाभर में प्रसिद्ध गया का पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू हो रहा है। मेला 2 अक्टूबर यानी कुल 16 दिनों तक चलेगा।
इस दौरान देश-विदेश से गया आने वाले लोग अपने पूर्वजों-पितरों का श्राद्ध और तर्पण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से कामना करते हैं।
इस साल 10 लाख से ज्यादा पिंडदानी गया पहुंच सकते हैं। गया कैसे पहुंचे, कहां रुके, वहां खाने-पीने का क्या इंतजाम है, सरकार कितनी तैयार है ऐसे तमाम सवालों के लिए हम आपको बतायेगे विस्तार से।
पितृ पक्ष दिवंगत आत्माओं को समर्पित है और उन्हें प्रसन्न करने, क्षमा मांगने और पितृ दोष (पूर्वजों के श्राप) से मुक्ति पाने के लिए है।