नून नदी के पुनर्जीवन हेतु जनसहभागिता से हुआ श्रमदान, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत हजारों लोग हुए शामिल

■ “नदियां हमारी विरासत हैं, इन्हें बचाना हम सबका संकल्प है।”*

रिपोर्ट – ओमप्रकाश उदैनियां राष्ट्रीय मीडिया प्रभारीपत्रकार एकता संघ

उरई जालौन ब्लॉक कोंच के ग्राम सतोह में ऐतिहासिक पहल देखने को मिली जब प्राचीन नून नदी के उद्गम स्थल से उसके पुनर्जीवन की दिशा में एक बड़े जनसहयोग के साथ श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस पुनीत कार्य का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम में। माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन, सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद चौहान सहित सैकड़ों अधिकारी, जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में आम नागरिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य नून नदी को उसके पुराने स्वरूप में पुनः जीवित करना था, जो वर्षों से लुप्त होती जा रही थी। नदी के सूखने से क्षेत्र के किसान लंबे समय से सिंचाई संकट का सामना कर रहे थे। लेकिन अब नून नदी के अस्तित्व में आने से किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिल सकेगी और क्षेत्र की हरियाली व समृद्धि को बल मिलेगा।
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस अवसर पर कहा, “नदियां केवल जल का स्रोत नहीं, हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर भी हैं। इन्हें संजोना और पुनर्जीवित करना हम सभी का दायित्व है। सरकार जनभागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण और पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।” जब समाज और शासन साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। नून नदी का पुनर्जीवन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल स्रोत सुनिश्चित करने की ओर भी बड़ा प्रयास है।

उन्होंने आवाहन करते हुए कहा कि सभी लोग समय निकालकर श्रमदान अवश्य करें जिससे अपने मूल स्वरूप में नून नदी वापस आ सके।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जानकारी दी कि नून नदी अपने उद्गम स्थल से ही विलुप्त हो गई है । नदी उद्गम क्षेत्र में सिल्ट भर जाने से नून नदी का अस्तित्व उद्गम स्थल से समाप्त हो गया है । विभिन्न नालों के मिट जाने से नदी का जीवन नहीं रह गया था । अब जान भागीदारी से उक्त नून नदी का पुनर्जीवन कार्य श्रम दान एवं सीएसआर के द्वारा एवं विभिन्न स्वैक्षिक संगठनों केप्रयास से किया जा रहा है। सिचाई बिभाग एवं लघु सिंचाई विभाग की तकनीकी सहायता और आम जन मानस की सक्रिय सहभागिता से उक्त कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। यह नदी 47 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 87 किलोमीटर के दायरे में बहती है। इसके पुनर्जीवित होने से लगभग 15,351 किसानों और 2780 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय परिवर्तन के कारण यह नदी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन अब प्रशासन और जन भागीदारी के संयुक्त प्रयासों से इसे फिर से जीवन देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

नून नदी के पुनर्जीवन की यह मुहिम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल बनेगी, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जल स्रोत भी सुनिश्चित करेगी। उक्त कार्य जल संरक्षण में जन भागीदारी का एक अप्रतिम उदाहरण बन कर उभर रहा है।
इस अवसर पर डीसी मनरेगा रामेन्द्र सिंह, परमार्थ से संजय सिंह आदि मौजूद रहे।

Share.

Author reputation” is consistently cited as one of the main factors that influence a News writing decision. If you’re seen as an authority on your News topic, readers will interest your News and read it. One of the best ways to be seen as an authority is to have a great Author Bio. Now Omprakash Udainiya is the Best Author for Focusnews24x7 This is doubly true for media and social media. Most people in media work very hard under tight deadlines and don’t have time to read long news or even pitch emails. But a good author bio cuts right to the point by saying: so Omprakash Udainiya is an important person I need to pay attention to.