कृषि मेला बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों के लिए हुआ अत्यंत लाभकारी जहां किसानो को विभिन्न फसलों, पशुपालन, और आधुनिक कृषि मॉडलों पर जानकारी मिली कहा कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने
रिपोँट : विनय पचौरी
■ विश्वविद्यालय में 2500 करोड़ रुपये की लागत से दो परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है, जिससे निर्यात योग्य प्राकृतिक उत्पादों की गुणवत्ता जांच संभव होगी
■ कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी मे जलवायु समावेशी कृषि प्रणालियों और नवीनतम कृषि मॉडलों का किया अवलोकन ह
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी में 14 से 16 फरवरी 2025 तक तीन दिवसीय “जलवायु समावेशी कृषि” पर आधारित किसान मेला और कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
इस मेले में लगभग 15,000 किसानों से अधिक भागीदारी रही, जहां उन्हें परंपरागत और आधुनिक कृषि तकनीकों, फसलों के उत्पादन, और कृषि निर्यात की जानकारी प्रदान की गई।
मेले में 112 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जिनमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के 14-15 संस्थान, 6 कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, और कृषि आधारित निजी संगठनों ने भाग लिया।
इन स्टॉल्स पर किसानों को श्री अन्न, प्राकृतिक खेती, जलवायु समावेशी कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, संरक्षित खेती, एकीकृत कृषि प्रणाली, फसल कैफेटेरिया, और आधुनिक कृषि यंत्रों के जीवंत मॉडल प्रदर्शित किए गए।
कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, सूर्य प्रताप शाही ने मेले का उद्घाटन किया और किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में 2500 करोड़ रुपये की लागत से दो परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है, जिससे निर्यात योग्य प्राकृतिक उत्पादों की गुणवत्ता जांच संभव होगी।
कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि यह मेला बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जहां उन्हें विभिन्न फसलों, पशुपालन, और आधुनिक कृषि मॉडलों की जानकारी मिली। उन्होंने किसानों से विश्वविद्यालय में स्थापित एकीकृत प्रणाली खेती, पॉली हाउस, रबी फसलों, और अन्य प्रदर्शन इकाइयों का भ्रमण करने का आग्रह किया।
इस मेले में जलवायु समावेशी कृषि प्रणाली और श्री अन्न पर दो थीमेटिक पवेलियन भी स्थापित किए गए, जहां विशेषज्ञों ने किसानों के साथ विस्तृत चर्चा की और उन्हें नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया। इसके अलावा, मंडलीय फल, शाकभाजी, और पुष्प प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने अपनी उपज का प्रदर्शन किया।
मेले के दौरान, किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए नई फसल किस्मों और तकनीकों की जानकारी दी गई, जिससे वे मौसम परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बच सकें। कृषि वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला से खेत तक की जानकारी साझा की, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार, झांसी में आयोजित इस किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी ने किसानों को जलवायु समावेशी कृषि प्रणालियों और नवीनतम कृषि मॉडलों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की, जिससे वे अपनी कृषि प्रक्रियाओं में सुधार कर सकें और अधिक लाभ कमा सकें।
इस मेले के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप इसके साथ साथ अन्य भी वीडियो हमारे चैनल पर देख सकते हैं:
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