प्राचीन मेले में आस्था और सेवा का अद्भुत संगम, श्रद्धालुओं ने किया दर्द को दरकिनार

रिपोर्ट: पं. विवेक तिवारी, पूंछ

जालौन जिले के पूंछ कस्बे अंतर्गत एरच क्षेत्र के ग्राम डिकौली में पर्वतवासिनी शीतला माता एवं मनक्याऊ माता के वार्षिक मेले में आज पूर्णिमा के पावन अवसर पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। तीन दिवसीय इस प्राचीन मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नतें पूरी होने पर माता को जवारे अर्पित किए और सेवा-अर्चना कर पुण्य अर्जित किया।

श्रद्धा में डूबे भक्तों का समर्पण इस कदर दिखा कि कई श्रद्धालु बड़े-बड़े भालों को मुंह और गाल से आर-पार कर भक्ति प्रदर्शन करते नजर आए। यह दृश्य जहां एक ओर हतप्रभ करने वाला था, वहीं दूसरी ओर भक्ति की गहराई को भी दर्शाता था।

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस प्राचीन स्थल का संबंध हिरण्याक्ष और उनके पुत्र भक्त प्रह्लाद से भी जोड़ा जाता है। पर्वत पर स्थित माता के मंदिर में एक दिन पूर्व से ही दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती हैं।

मेले के दौरान सेवा कार्यों का भी व्यापक स्तर पर आयोजन किया गया। क्षेत्रीय स्वयंसेवकों ने श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी और मार्गदर्शन की समुचित व्यवस्था की। वहीं कई सामाजिक समूहों द्वारा विशाल लंगरों का आयोजन किया गया। कस्बा पूंछ की युवा कमेटी द्वारा आयोजित लंगर में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

लंगर आयोजकों ने बताया कि यह मेला आदि शक्ति मां छिन्नमस्ता के स्थान पर आयोजित होता है और इसका उद्देश्य केवल सेवा है। समिति प्रतिवर्ष विभिन्न स्थानों पर भंडारे आयोजित करती है।

मेले में प्रमुख रूप से सांसद नारायण दास (जालौन-गरौठा-भोगनीपुर) एवं समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह भोजला भी पहुंचे और उन्होंने श्रद्धालुओं को लंगर वितरण कर सेवा कार्य में भागीदारी निभाई।

यह मेला श्रद्धा, सेवा और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण बनकर हर वर्ष क्षेत्रवासियों के लिए एक विशेष आस्था केंद्र बनता जा रहा है।

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