रामचरितमानस सम्मेलन में पंडित अखिलेश उपाध्याय ने बताया भगवान तो सच्ची साधना से ही मिलते है। सुने विस्तार से
जिला चंदौली के ग्राम इमलिया की हनुमान मंदिर में चल रामचरितमानस सम्मेलन में पधारे पंडित अखिलेश उपाध्याय का सर्वप्रथम वहां बिराजे भक्ति गानों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया उन्होंने अपने प्रवचन दौरान बताया कि अपने प्रभु को प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हमे अपने मानसिक और आध्यात्मिक जीवन में ईमानदार और सजीव रूप कों अपनाते रहें।
वही आज के युवाओं को संदेश दिया हमें अपने अच्छे कर्मों को बढ़ावा देना चाहिए, और दूसरों की मदद करने में संलग्न रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि ईश्वर कैसे प्राप्त हो सकते हैं प्रभु में भक्ति कैसे प्राप्त हो सकती है प्रभु की नहीं मिल सकते हैं उन्होंने कहा कि ईश्वर को प्राप्त करने का सबसे सरल माध्यम है – भक्ति।
यदि हम निस्वार्थ भाव से भगवान् की प्रेममयी भक्ति करें । तो निश्चित ही हम भगवान् को प्राप्त कर सकते हैं।
इसके साथ ही गुरु का संग हमे करना करना होगा क्योंकि सत्संग से ही हमारे अनेक प्रकार के अनर्त दूर होंगे और हमारे अंदर भक्ति जागृत होगी।
भगवान तो सच्ची साधना से ही मिलते है।
भगवान ने स्वयं कहा है कि इंद्रिय, मन और बुद्धि से वे परे हैं। उनका चिंतन और मनन नहीं किया जा सकता है। अगर चिंतन करने से वे मिलते तो अब तक भक्तों को उनका दिव्य दर्शन हो जाता। इस दौरान काफी संख्या में ग्राम वीडियो सहित क्षेत्रीय श्रद्धालु जनो द्वारा भी कथा श्रवण किया गया