बिजली निजीकरण के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति और जेई संगठन का विरोध तेज, प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी।
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का विरोध लगातार जारी है। जालौन में गुरुवार से शुरू हुए धरना प्रदर्शन का आज दूसरा दिन रहा। विद्युत वितरण खंड द्वितीय के बाहर जेई संगठन और संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले अधिकारियों और कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद की। कर्मचारियों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर निजीकरण विरोधी नारे लगाए और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
जेई संगठन के अध्यक्ष जगदीश वर्मा और सचिव आलोक खरे के साथ जितेंद्र नाथ, महेंद्र नाथ, नवीन कंजोलिया, राजकुमार, निशांत शर्मा, अंकित साहनी, शिवम शाहू, संतोष कुमार, पूनम वर्मा, गौरव कुमार, मुकुल वर्मा और अजीम इसरार इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से देवेंद्र कुमार, महीप, पवन, शिवम, सौरभ, सत्य प्रकाश, रामेंद्र पटेल, श्रवण कुमार, आर.सी. मनचंदा समेत कई अन्य सदस्य भी धरने में शामिल हुए।
धरना प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने निजीकरण को जनविरोधी कदम बताते हुए कहा कि इससे न केवल कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होगा, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली का भार झेलना पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि गरीब किसानों और आम जनता पर इसका सीधा असर पड़ेगा। संगठन ने तीन दिन तक हर शाम 5 बजे से 6 बजे तक एक घंटे का सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो व्यापक स्तर पर आंदोलन की रणनीति अपनाई जाएगी।