ओआरएस कार्नर पर बनाया जा रहा घोल

■स्टाॅप डायरिया अभियान के तहत दिया जा रहा ओआरएस पैकेट

■डायरिया के प्रति किया जा रहा जागरूक

देवरिया स्टाॅप डायरिया अभियान के तहत 0 से पांच साल तक बच्चे को घर-घर जाकर ओआरएस का जीवन रक्षक घोल दिया जा रहा है।

इसके साथ ही कर्मी जिंक की गोलियां भी वितरित कर रहे हैं।

विभाग की ओर से दो माह तक चलने वाले अभियान के तहत 1.14 लाख बच्चों को ओआरएस के दो-दो पैकेट और 14-14 जिंक की गोलियां दी जाएगी।

इसके अलावा विभाग ने डायरिया से ग्रस्त बच्चों को उपचार देने के लिए ओआरटी (ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी) कॉर्नर भी स्थापित किए हैं।

जहाँ ओआरएस घोल बनाने की जानकारी देने के साथ लोगों को ओआरएस के पैकेट दिए जा रहे हैं।
सीएमओ डॉ. राजेश झा ने बताया कि डायरिया की रोकथाम के लिए पहली बार दो महीने तक अभियान चलेगा।

आशा कार्यकर्ता बच्चों की जांच के साथ उनके माता-पिता को भी जागरूक कर रहे हैं। डायरिया होने पर बच्चों को कितना घोल दिया जाएगा उसकी जानकारी भी साझा की जा रही है।

इसके अलावा बच्चों और अभिभावकों को पानी उबालकर पीने, अच्छी तरह से हाथ होने, स्वच्छता और पोषक आहार लेने के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

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