महाकुम्भ मेला में मौनी अमावस्या व वसंत पंचमी तक श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ने की संभावना

■महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या की तैयारियों को लेकर ट्रैफिक प्लान में लगातार बदलाव किया जा रहा है।
■अब शुक्रवार से मेला क्षेत्र में बाहरी गाड़ियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया।

■महाकुंभ में नया ट्रैफिक प्लान, बाहरी गाड़ियों का प्रवेश बंद:रूट डायवर्जन लागू, मौनी अमावस्या पर विशेष इंतजाम

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या की तैयारियों को लेकर ट्रैफिक प्लान में लगातार बदलाव किया जा रहा है।

अब शुक्रवार से मेला क्षेत्र में बाहरी गाड़ियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया।

शनिवार और रविवार उसी में गणतंत्र दिवस, ऐसे में छुटि्टयों की वजह से वाहनों का अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है।

ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रूट डायवर्जन भी लागू किए हैं। दूसरे शहरों से आने वाले वाहनों को बाईपास कर निकाला जाएगा।

■कानपुर-प्रयागराज मार्ग कानपुर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन नवाबगंज, मलाक हरहर, सिक्सलेन होते हुए बेली कछार और बेला कछार एक या दो में पार्क कर सकेंगे।

■कौशाम्बी-प्रयागराज मार्ग कौशाम्बी मार्ग से शहर में प्रवेश होने वाहन नेहरु पार्क व एयरफोर्स मैदान पार्किंग में अपने वाहनों की पार्किंग कर सकेंगे।■प्रतापगढ़-लखनऊ-प्रयागराज मार्ग प्रतापगढ़ और लखनऊ की ओर से आने वाले बेली कछार व बेला कछार दो तक वाहनों को पार्क कराया जाएगा।

यहां से ई-रिक्शा समेत अन्य वाहनों से आगे जा सकेंगे।

जौनपुर-प्रयागराज मार्ग अगर आप जौनपुर की तरफ से प्रयागराज आ रहे हैं तो आपको सहसों से गारापुर होते हुए आना होगा।

चीनी मिल पार्किंग झूंसी और पूरेसूरदास पार्किंग गारा रोड पर वाहनों को पार्क करना होगा।

वाराणसी से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में आने के लिए कनिहार रेलवे अंडरब्रिज से शिवपुर उस्तापुर पार्किंग, पटेल बाग, कान्हा मोटर्स पार्किंग में वाहनों को पार्क करना होगा।
मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग मिर्जापुर मार्ग से आ रहे हैं तो देवरख उपरहार और सरस्वती हाईटेक पार्किंग तक आने की अनुमति रहेगी। वहीं, रीवा मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन नैनी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट और नव प्रयागम पार्किंग एरिया में पार्क कराए जाएंगे।

ये भी हुए इंतजाम विशेष पर्वों को छोड़कर महाकुम्भ – 2025 के सुचारु यातायात संचालन हेतु

1- शहर क्षेत्र से नैनी की ओर जाने वाले वाहन मेडिकल चौराहा,बैरहना,बांगड़ धर्मशाला चौराहा होते हुए नए यमुना पुल से जाएंगे।
2- शहर क्षेत्र से झूंसी की ओर जाने वाले वाहन अपरान्ह 14:00 बजे के बाद बालसन चौराहा,हासिमपुर पुल,बक्शी बांध, नागवासुकी से ओल्ड जी टी पांटून पुल से झूंसी में प्रवेश कर सकेंगे।
3- शहर से नैनी जाने वाले वाहन पुराने यमुना पुल से जाएंगे।
मौनी अमावस्या पर विशेष इंतजाम, भीड़ नियंत्रित करने को उठाए जाएंगे कदम महाकुंभ में मौनी अमावस्या अमृत स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं के सुचारू यातायात और सुरक्षित मूवमेंट के लिए मेला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।

10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए मेला प्रशासन ने सेक्टर लेवल पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं।
इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जिस सेक्टर या जोन में श्रद्धालु आ रहे हैं, उसी सेक्टर या जोन से उन्हें वापस भेजा जाए। किसी भी सूरत में उन्हें संगम नोज या किसी अन्य जोन में न जाने दिया जाए।

सभी एडीएम, एडिशनल एसपी, सीओ, एसडीएम और सेक्टर मजिस्ट्रेट को उनके कार्यक्षेत्र में रहकर सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रद्धालुओं की आवाजाही पर नियंत्रण का प्रयास मौनी अमावस्या महाकुंभ का सबसे प्रमुख पर्व है। महाकुंभ में सारी व्यवस्थाएं इसी पर्व को ध्यान में।रखकर की जाती हैं।

इस बार योगी सरकार ने महाकुंभ को पहले से कहीं भव्य और दिव्य बनाने का जो प्रयास किया है, उसको देखते हुए भरी संख्या में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की प्रयागराज में मौजूदगी की संभावना है।
सभी को सुविधा के साथ सुगम स्नान कराना मेला प्रशासन की प्राथमिकता है। इसी को देखते हुए निर्देश दिए गए हैं कि हर सेक्टर और जोन में आने वाले श्रद्धालु अपने गंतव्य स्थान पर उसी जोन से प्रस्थान करें। संगम नोज या अन्य जोन पर 27-29 जनवरी को मूवमेंट कम से कम रखा जाए।

लोगों की सुविधा के लिए 12 किमी लंबे घाट का निर्माण किया गया है।
उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है कि जिस घाट पर वो पहुंच रहे हैं, वहीं स्नान करें और फिर वहीं से वापस लौट जाएं

 

खुसरोबाग में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए तैयार है होल्डिंग एरिया

मौनी अमावस्या पर्व पर भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे ने बनाया है स्पेशल प्लान

आरपीएफ और सिविल पुलिस स्टेशन परिसर के बाहर ही मैनेज करेंगे अतिरिक्त भीड़

होल्डिंग एरिया से कलर कोडेड आश्रय स्थल होकर ट्रेनों तक पहुंचेंगे श्रद्धालु

महाकुम्भ मेला में मौनी अमावस्या व वसंत पंचमी तक श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा व यातायात सुचारू रखने के लिए शहर में कुल नौ स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। महाकुंभ क्षेत्र को नो-व्हीकल और नो-वीआईपी जोन घोषित किया गया है। साथ ही सुरक्षा के लिए या भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए योजना तैयार की गई है। मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा या भक्तों सहित किसी भी आगंतुक के लिए पास प्रणाली नहीं होगी और वाहनों को निर्दिष्ट पार्किंग स्थल से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी।

मेला के अंदर आज से सिर्फ पास वाले वाहनों को प्रवेश की छूट रहेगी।

शेष सभी वाहनों पर बसंत पंचमी तक नो-इंट्री का आदेश जारी हो गया है। नए आदेशानुसार ओल्ड जीटी रोड से अलोपी देवी मंदिर के बगल से बाघम्बरी रोड होते हुए मेला के अस्थायी थाना अलोपी देवी मंदिर के समीप काली-2 पार्किंग में वाहन खड़े किए जाएंगे। बालसन चौराहे से हाशिमपुर पुल से होते हुए नागवासुकि रैम्प से नीचे तक आने वालों को नागवासुकि (बक्शी बांध) पार्किंग तक जाने की छूट रहेगी।
वहीं बालसन चौराहे से श्रद्धालु हाशिमपुर पुल से बक्शी बांध उतरकर पानी की टंकी के बगल से नीचे उतरकर बघाड़ा पार्किंग में अपने वाहन खड़ी करेंगे। ईसीसी डिग्री कॉलेज पार्किंग व जमुना किश्चियन इंटर कॉलेज पार्किंग में पुराने श शहर से यमुना बैंक रोड से आने वाले वाहनों को पार्क कराया जाएगा। मम्फोर्डगंज से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को मजार चौराहे से आईईआरटी आरओबी से पार कर आईईआरटी ग्राउंड पार्किंग तक आ सकेंगे।
सीएमपी डिग्री कॉलेज व केपी ग्राउंड पार्किंग में एमजी मार्ग से आने वाले श्रद्धालु के वाहन खड़े होंगे। वहीं तेलियरगंज, शिवकुटी व गोविंदपुर से आने वाले अप्ष्ट्रान चौराहा होते हुए गंगेश्वर मंदिर के बगल पार्किंग में अपने वाहन पार्क कर सकेंगे। कर्नलगंज इंटर कॉलेज व मुस्लिम हॉस्टल ग्राउंड पार्किंग में अशोक नगर व कटरा से आने वाले वाहन खड़े होंगे। जबकि जीटी जवाहर चौराहा, हर्षवर्धन चौराहा व बांगड़ चौराहे से होकर आने वाले श्रद्धालुगण अपने वाहन को प्लाट नंबर 17 7 में पार्क कर सकेंगे।
महाकुम्भ मेला में मौनी अमावस्या व वसंत पंचमी तक श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ने की संभावना

तीर्थराज प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 का आयोजन दिव्य और भव्य तरीके से हो रहा है।

देश भर से लाखों, करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं। महाकुम्भ का सबसे बड़ा अमृत स्नान 29 जनवरी, मौनी अमावस्या कि तिथि पर किया जाएगा।

इस दिन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है। मौनी अमावस्या के दिन महाकुम्भ में आने-जाने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के भीड़ प्रबंधन के लिए प्रयागराज रेल मण्डल ने स्पेशल प्लान बनाया है। इसके लिए रेलवे स्टेशन के बाहर खुसरो बाग में अतिरिक्त होल्डिंग एरिया और मॉब चैनलाइजेशन के लिए आरपीएफ और सिविल पुलिस ने मिलकर योजना तैयार कर ली है।
होल्डिंग एरिया में ठहर सकेंगे एक लाख से अधिक श्रद्धालु
महाकुम्भ 2025 के दिव्य और भव्य आयोजन को देखकर भारी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं। मकर संक्रांति के पर्व के पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया।

महाकुम्भ के सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं का त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान करने का अनुमान है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन और रेलवे प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किये हैं। प्रयागराज रेल मण्डल के सीनियर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि मौनी अमावस्या तिथि पर भीड़ प्रबंधन के लिए प्रयागराज रेलवे ने स्पेशल प्लान तैयार किया है।

श्रद्धालुओं की भीड़ को मैनेज करने और उनके विश्राम के लिए स्टेशन परिसर से बाहर खुसरो बाग में होल्डिंग एरिया तैयार कर लिया गया है। जिसमें 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को एक बार में ठहराया जा सकेगा।

स्टेशन परिसर के बाहर ही किया जाएगा मॉब चैनलाइजेशन
खुसरोबाग होल्डिंग एरिया के अतिरिक्त आरपीएफ और सिविल पुलिस ने मिलकर मौनी अमावस्या के दिन मॉब चैनलाइजेशन के लिए विशेष योजना बनाई है। सीनियर पीआरओ ने बताया कि मेले से लौटने वाले श्रद्धालुओं को स्टेशन परिसर में आने से पहले रूट डायवर्ट करके खुसरोबाग होल्डिंग एरिया में ठहराया जाएगा। यहां से यात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशन की दिशावार रेलवे स्टेशन में बने कलर कोडेड आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाएगा। जहां से यात्रियों को कलर कोडेड टिकटों के माध्यम से उनके गंतव्य स्टेशन की ट्रेनों तक पहुंचाया जाएगा। ताकि बिना भगदड़ और भ्रम के यात्रियों को सही ट्रेन से उनके गंतव्य स्टेशनों तक रवाना किया जा सके। स्टेशन परिसर के बाहर अतिरिक्त होल्डिंग एरिया निर्माण इसलिये ही किया गया है कि भीड़ के अतिरिक्त दबाव को स्टेशन परिसर के बाहर ही मैनेज किया जा सके।

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