• कोरोना पर आ गई केंद्र की एडवाइजरी, राज्यों को किया अलर्ट,
  • नए साल के जश्न में जरूर बरतें ये सावधानियां
  • सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल की मीटिंग
  • कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने का निर्देश दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया कोरोना को लेकर बहुत ज्यादा संजीदा दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल की मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने कोरोना की रोकथाम की तैयारियों को लेकर चर्चा की।
मनसुख मंडाविया ने बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आने वाले त्योहारों और नए साल के जश्न को ध्यान में रखते हुए ‘टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट एंड वैक्सीनेशन’ पर ध्यान देने को कहा. इसके अलावा उन्होंने मास्क पहनने, हाथ साफ रखने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने का निर्देश दिया है.।
गाइडलाइंस के मुताबिक राज्यों को हर जिले में कोविड नियमों के तहत आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट बढ़ाने के लिए कहा गया है.
उनसे कहा गया है कि नए वेरिएंट का समय से पता लगाया जा सके इसलिए ज्यादा से ज्यादा केसों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए जाएं.
अस्तपतालों में कोविड से निपटने के संसाधनों और स्टाफ को तैयार रहने के निर्देश देने को कहा गया है. इसे अलावा कहा गया है कि तैयारी देखने के लिए ड्राय रन भी करा सकते हैं.
राज्यों से वैक्सिनेशन बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा बूस्टर डोज का कवरेज बढ़ाने के लिए भी कहा गया है.
एडवाइजरी में सभी इवेंट ऑर्गेनाइजर्स, बिजनेस ऑनर्स, व्यापार संगठनों को निर्देश देने के लिए कहा कि त्योहार आने वाले हैं इसलिए ध्यान रखें की भीड़ न जुटने पाए. इसके अलावा इंडोर इंवेंट्स लोगों के लिए मास्क अनिवार्य करें.।
मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट भेज दिया है. सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा है कि नए कोविड पॉजिटिव मरीजों का सैंपल जीनोम टेस्टिंग के लिए भेजा जाए, ताकि वहां इस सैंपल का जिनोम सीक्वेंसिंग हो सके और अगर कोरोना का कोई नया वेरिएंट पनपता है तो उसे ट्रैक किया जा सके.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि इस तरह की कवायद से देश में मौजूद नए वेरिएंट का समय पर पता लगाने में मदद लेगी और फिर इसके आधार पर केंद्र सरकार आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सुविधा प्रदान करेगी.

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