आशियाना बचाओ ग्रामवासी मोर्चा बनाकर जनसभा करके दिया धरना ।

रिपोर्ट  : असगर अली focusnews24x7

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आजमगढ़ प्रशासन द्वारा नए सर्वे के अनुसार कुल 8 ग्रामों के लगभग 4000 घरों को तोड़कर मंत्री हवाई अड्डे का विस्तार करके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाए जाने के विरोध में ग्राम सभा गदनपुर , हिचछनपट्टी ,जमुआ हरिराम ,जमुआ जोलहा, जिगिना, मन्दुरी ,जेब्रा पिपरी हसनपुर व कांदीपुर ,तहसील संगड़ी जनपद आजमगढ़ के ग्राम वासियों ने आशियाना बचाओ ग्रामवासी मोर्चा बनाकर कलेक्टर पर स्थित रिक्शा स्टैंड पर जनसभा करके धरना दिया

जनसभा के बाद ग्रामीणों ने जिलाधिकारी एवं कमिश्नर से मिलकर मुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल ,उड्डयन मंत्रालय एवं महामहिम राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा

ग्राम वासियों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा पुलिस एवं पीएसी बल के साथ उक्त सभी गांव में हवाई पट्टी का विस्तार किए जाने हेतु तानाशाही रुख अपनाते हुए रात में 11:00 बजे ग्रामीणों को घर से बंद करके बिना सहमति के जबरन आंशिक सर्वे कराया गया

ग्रामीणों ने काफी विरोध किया तो पुलिस बल द्वारा उन्हें पीटा गया और कुछ लोगों को जेल भेज दिया गया ग्रामीणों के काफी विरोध के कारण प्रशासन जब घरों का सर्वे मौके पर नहीं करा पाया तो इन ग्रामों के प्रधान कोटेदारों और आंगनबाड़ियों को थाने में बैठा कर जबरन कागजी सर्वे पूर्ण करा कर शासन को भेज दिया प्रशासन द्वारा जब गांव में पुलिस व पीएसी परेड करा कर ग्रामीणों को डरा धमका कर घर छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है
ग्रामीणों का कहना है कि हवाई पट्टी के अलग बगल काफी परती और खाली अनु उपजाऊ जमीन पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं फिर भी प्रशासन उन खाली जमीनों में हवाई अड्डे का विस्तार नहीं कर रहा यदि प्रशासन चाहे तो आजमगढ़ फैजाबाद हाईवे को कंधरापुर से मन्दुरी तक टर्मिनल बनाकर जमीन के नीचे से रोड निकाल कर सकती है और हवाई के दोनों हाईवे के दोनों तरफ खाली जमीनों को हवाई अड्डे में सम्मिलित कर निर्माण करा सकती है किंतु प्रशासन अपनी मनमानी पर उतर आया है प्रशासन के मनमानेपन से कुल 8 ग्रामों की धनी आबादी जिसमें लगभग 4000 घर मौजूद हैं पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे और हजारों लोग बेघर होकर बंजारों जैसा जीवन व्यतीत करने को मजबूर होंगे
वक्ताओं ने कहा कि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी योजना के लिए घनी आबादी क्षेत्र को प्रभावित ना किया जाए क्योंकि लोगों को आबादी क्षेत्र का अधिक मुआवजा देना पड़ेगा और साथ ही उन्हें पुनर्वासन और पुनव्यवस्था करने पर भी सरकारी खजाने पर अतिरिक्त भार पड़ेगा इसके बाद भी प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है और खाली परती पड़ी अन उपजाऊ जमीनों होते हुए भी उसे छोड़कर 8 गांव की घनी आबादी उजाड़ने की योजना बना लिया है तथा ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी चूना लगाने पर आमदा है ग्रामीणों ने जनसभा करके तथा ज्ञापन के माध्यम से अपने मकान बचाने व खाली परती अनु उपजाऊ जमीनों को हवाई अड्डे का विस्तार करने की मांग की है
वक्ताओं ने कहा कि हजारों परिवारों के घर तोड़कर सरकार कौन सा कौनसा विकास करना चाह रही है और इन्हें कहां बसायेगी यदि प्रशासन मनमानी करके जबरन उनके मकान गिरायेगा तो आत्मदाह करने को मजबूर होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

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