“सुशासन सप्ताह” के अंतर्गत जल संचयन जन भागीदारी कार्यक्रम

जालौन जनपद में “सुशासन सप्ताह” के तहत “प्रशासन गांव की ओर” जल संचयन जन भागीदारी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसका उद्देश्य जल संकट के समाधान के लिए जनभागीदारी बढ़ाना था। यह कार्यक्रम राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें जल शक्ति मंत्रालय की अपर सचिव अर्चना वर्मा ने जल संचयन के महत्व पर प्रकाश डाला।

 

 

उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक राजशेखर और मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में जल संरक्षण के लिए 385 चेकडेम बनाए गए, जिनमें से 56 का डिसिल्टिंग और 26 का मरम्मत कार्य जारी है। 410 अमृत सरोवरों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 165 निर्माणाधीन हैं।

 

सरकारी भवनों पर 135 रूफटॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और 3886 हैंडपंपों पर सॉकपिट बनाए गए हैं। यमुना नदी किनारे 1.150 किलोमीटर रिवेटमेंट निर्माण से भूमि कटाव रोका गया। वन विभाग ने एक करोड़ पौधे लगाकर इस अभियान में योगदान दिया।

 

 

जल संचयन बढ़ाने के लिए कैच द रेन अभियान चलाया जा रहा है। खेतों की मेड़बंदी, कृषि तालाबों का निर्माण, नहर नेटवर्क में सुधार, पाइपलाइन से रिसाव रोकने और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

जनभागीदारी और जागरूकता

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता बताई। जिलाधिकारी ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।

 

इस अवसर पर सभी उपस्थितों ने जल संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी मानते हुए सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया।

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कार्तिकेय गुबरेले(पत्रकार) जिला ब्यूरो चीफ क्राइम फोकस न्यूज 24×7 उरई (जालौन)