उस महान व्यक्तित्व को अश्रु पूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित

वह फिल्म नगरी में अपने गुण स्वभाव सीधापन सरल व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे उनकी सादगी अलग ही मनमोहक उनके व्यक्तित्व को दर्शाती थी । उनकी फिल्म उपकार भारत के नौजवानों में देश प्रेम का मंत्र फूंकने वाली थी । जिसने उन्हे भारत कुमार का नाम दिया । फिल्म रोटी , कपड़ा और मकान विभिन्न पारिवारिक समस्याओं को दर्शाने वाली ग्रहस्थीय जीवन पर एक यादगार छोड़नेवाली बन गयी। पूरब पश्चिम , क्रान्ति , शहीद , सन्यासी, पहचान , यादगार , दो बदन जैसी सामाजिक शिक्षाप्रद , समाज में एक सत्य चेतना देने वाली सामाजिक समस्याओं को लेकर उन्होंने बनायीं और समाज के समक्ष प्रस्तुत की जो समाज में बिगड़े रूपों को सामाजिक सुधार की प्रेरणा सदैव देती रहेंगी । वे अपने श्रेष्ठ गुण स्वभाव के कारण भारत के लोगों में उनके स्मृति पटल पर सदैव एक प्रेरणादायी जागृति के रूप में जीवित रहेंगे । उनके आदर्शमयी व्यक्तित्व के कारण मेरी उनसे मिलने की इच्छा थी जो अब मात्र सपना बनकर रह गयी परन्तु मेरे हृदय में उनकी सत्य प्रेरणादायी चेतना सदैव जीवित रहेगी ।

– डा० बनवारी लाल पीपर “शास्त्री”

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