शहर में गुटखा माफियाओं का तेजी से फैलता कारोबार गंभीर चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह समाज में कैंसर जैसी घातक बीमारियों को दावत दे रहा है। विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से गुटखा का उत्पादन और बिक्री जारी है, जिससे न केवल स्वास्थ्य, बल्कि समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
कोच बस स्टैंड, मौनी मंदिर के पीछे राठ रोड, जालौन बाईपास, झांसी रोड और अन्य क्षेत्रों में गुटखा के अवैध कारखाने बिना किसी रोक-टोक के संचालित हो रहे हैं। प्रशासनिक उदासीनता और स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग की निष्क्रियता ने गुटखा माफियाओं के हौसले बुलंद कर दिए हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर गुटखा सेवन के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान चलाए गए हैं, लेकिन वास्तविक कार्रवाई की कमी इस समस्या को बढ़ावा दे रही है। शहर में “गणेश,” “मोहित,” “महाकाल,” “भैरव” “वीआईपी” “बादशाह” “महाकालेश्वर” “मौजी” “गणेश” जैसे ब्रांडों के गुटखा की खुलेआम बिक्री हो रही है, जो खासकर युवा पीढ़ी को बर्बादी की ओर धकेल रही है।
यदि खाद्य और स्वास्थ्य विभाग जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाते हैं, तो यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है। समाज, नागरिकों, और प्रशासन को मिलकर गुटखा माफियाओं के इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना होगा ताकि लोगों के स्वास्थ्य और भविष्य की रक्षा की जा सके।